पाकिस्तान के रास्ते भारत में होता नशीला करोबार
पाकिस्तान के रास्ते भारत में होता नशीला करोबार
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चंडीगढ़ : पठानकोट हमले के बाद यह बात कही जाती रही है कि भारत की सीमा में ड्रग्स की तस्करी करने वालों और आतंकियों के बीच सांठगांठ होती है, जिसके कारण ही आतंकी पंजाब की सीमाओं में प्रवेश कर पाते हैं। हालांकि इस बात के पुख्ता सबूत पठानकोट के हमलों को लेकर नहीं मिल सके हैं। मगर एम्स ने हाल ही में अध्ययन किया जिसमें यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान के ही साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े पंजाब में वार्षिक 7500 करोड़ रूपए की नशीली दवाओं का सेवन किया जाता है। इस तरह के नशीले पदार्थों में करीब 6500 करोड़ रूपए का हिस्सा ड्रग्स हेरोईन के खाते में चला जाता है।

इस तरह के अध्ययन में यह बात कही गई है कि पंजाब में ड्रग्स पाकिस्तान के ही रास्ते से सप्लाय किया जाता है। आईएसआई के माध्यम से पंजाब में इसकी सप्लाय करती है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस मामले में जांच की गई है। यही नहीं एजेंसियों ने कहा कि पंजाब के बाद यह ड्रग्स दिल्ली, मुंबई और अन्य स्थलों पर पहुंचता है। उल्लेखनीय है कि पंजाब में कुछ ऐसी सुरंगें भी खोजी गई थीं जो पाकिस्तान में निकलती थीं। माना गया कि इन सुरंगों का उपयोग तस्करों द्वारा किया जाता रहा है।

हालांकि इन सुरंगों को बंद कर दिया गया। तस्कर ड्रग्स सप्लाय करने के लिए कंटीले तारों के नीचे से ड्रग्स डाल देते थे जिसके बाद भारत की सीमा में वे इसे धीरे - धीरे ले जाते थे। ड्रग्स तस्करी की बात सामने आने के बाद सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई। ड्रग्स को दवाईयों के तौर पर भी लिया जाता है। जिसमें करीब 20 करोड़ रूपए हर रोज़ खर्च किए जाते हैं। अधिकांशतः हेरोईन लोगों के बीच तक पहुंचती है। एक व्यक्ति ने तो यह कहा है कि उसे हेरीईन की आदत को पूरा करने के लिए करीब 1400 रूपए का व्यय करना पड़ता है। ड्रग्स की इस आदत ने युवाओं को की नसों को खोखला कर दिया है।

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