असहिष्णुता संबंधी विरोध प्रदर्शनों के पीछे राष्ट्र विरोधी भावनाएं : RSS
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कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को कहा है कि असहिष्णुता के नाम पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के पीछे राष्ट्र विरोधी भावनाएं काम कर रही हैं। आरएसएस ने पूरे देश में गोहत्या पर प्रतिबंध की अपनी मांग दोहराई है। पश्चिम बंगाल के प्रांत कार्यवाहक जिशनु बोस ने रांची में आरएसएस की कार्यकारी समिति की बैठक में हिस्सा लेने के बाद यहां संवाददाताओं से ये बातें कही।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में आरएसएस का अच्छा विस्तार हुआ है। बोस ने कहा, "जो लोग असहिष्णुता के मुद्दे पर हो-हल्ला कर रहे हैं, वे केंद्र सरकार की कामयाबी से जले हुए लोग हैं। ये विरोध प्रदर्शन इनके मन में छिपी राष्ट्र विरोधी भावनाओं की अभिव्यक्ति हैं।" बोस ने गोमांस की अफवाह पर दादरी में एक व्यक्ति की हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा कि हत्या के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

उन्होंने कोलकाता में हाल ही में भाषा ओ चेतना समिति द्वारा आयोजित 'बीफ पार्टी' को अशोभनीय करार दिया। बोस ने कहा, "बीफ पार्टी अशोभनीय और निंदनीय कृत्य था। क्या हम पर सांप्रदायिक तनाव फैलाना का आरोप नहीं लगता अगर हम ऐसे ही पोर्क पार्टी आयोजित करते? इस तरह की घटनाओं की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।"

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में आरएसएस की जड़ें मजबूत हुई हैं। बोस ने कहा, "राज्य (पश्चिम बंगाल) के 341 विकास खंडों में से 262 में हमारे दैनिक और साप्ताहिक कार्यक्रम हो रहे हैं। राज्य में शाखाओं की संख्या 1492 हो गई है। 2014 में यही संख्या 1240 थी।" बोस ने कहा कि देश भर में आरएसएस की 50432 शाखाएं लग रही हैं। यह संख्या 2014 की संख्या की तुलना में 6684 अधिक है।

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