काबुल: अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान द्वारा कब्जाए जाने के बाद वहाँ के बचे-खुचे सिखों ने भी देश से पलायन कर दिया है। इस बीच काबुल में स्थित पवित्र गुरूद्वारे पर भी आतंकियों द्वारा हमला किया गया है। पलायन कर भारत आने वाले सिख परिवारों को दिल्ली के महावीर नगर में बसाया गया है। 28 सिखों का सबसे अंतिम जत्था बुधवार (3 अगस्त 2022) को भारत पहुंचा। यहाँ आ कर इन सिख परिवारों ने अफगानिस्तान में गैर मुस्लिमों की भयावह स्थिति को बयां किया।
30 Afghan Sikhs including children & infants will be arriving in Delhi today from Kabul, Afghanistan. Shiromani Gurdwara Prabandak Committee, Amritsar is facilitating evacuation of Afghan Hindus & Sikhs to India in coordination with Government of India and Indian World Forum.
— ANI (@ANI) August 3, 2022
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान से आए तरण सिंह ने कहा कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद उनके बच्चे डर के मारे स्कूल तक नहीं जा रहे थे। उनके परिवार वाले जिस तरह से दिल्ली में आज़ादी से घूम रहे हैं, ऐसा अफगानिस्तान में संभव ही नहीं था। तरण सिंह अपने बच्चे अवनीत का दाखिला दिल्ली के एक स्कूल में करवाना चाहते हैं। वे अफगानिस्तान के जलालाबाद में एक छोटी सी कॉस्मैटिक्स की दुकान चलाते थे। उनका पुत्र अवनीत दिल की बीमारी से ग्रसित है। इसका अस्थाई उपचार उन्हें पाकिस्तान के पेशावर में इसलिए करवाना पड़ा था, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए भी भारत का वीजा नहीं मिल सका था। वहीं अफगानिस्तान में आतंकी हमला झेल चुके एक अन्य सिख, सरदार गुरमीत के अनुसार, भारत में गुजारी गई पहली रात, वो बेहद चैन से बिना किसी के भय के सो सके।
गुरमीत की पत्नी मनमीत कौर बताती हैं कि, उनकी शादी को 1 साल हुआ था, मगर जब बेहद जरूरी हुआ, तब ही वे घर से बाहर निकल पाईं। घर से निकलने के लिए भी उनको मुस्लिम महिलाओं जैसे, खुद को सिर से पैर तक ढकना पड़ा था। अपने भविष्य की चिंता करते हुए 18 वर्षीय मनमीत कौर ने अपने आप को भारत में सुरक्षित बताया जहाँ वो अपनी धार्मिक मान्यताओं को बगैर रोकटोक पूरा कर रही हैं। जानकारी के अनुसार, तालिबान शासित अफगानिस्तान में अभी भी 110 सिख फँसे हुए हैं। वो भारत आना चाहते हैं। इन 110 सिखों में 60 को अभी तक वीजा नहीं मिल सका है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (SGPC) ने भारत सरकार से इन सभी को शीघ्र-अतिशीघ्र भारत लाने की माँग की है।
SGPC के समन्वयक सुरिंदर पाल सिंह समाना ने कहा है कि, 'बुधवार को अफगान-सिखों को सुरक्षित निकाल लिया गया और वे अभी दिल्ली के तिलक नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देव में रह रहे हैं। उन्हें जल्द ही गुरुद्वारा समिति द्वारा आवास की सुविधा मुहैया कराइ जाएगी। हम अपनी तरफ से हरसंभव मदद प्रदान कर रहे हैं।'
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