अगर जल्दबाजी में ली इंश्योरेंस पॉलिसी तो, हो सकता है भारी नुकसान
अगर जल्दबाजी में ली इंश्योरेंस पॉलिसी तो, हो सकता है भारी नुकसान
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दुनिया में 122 से अधिक देशों को कोरोना ने अपनी  चपेट में ले लिया है. अमेरिका में इस वायरस ने अर्थव्यवस्था को हिल आकर रख दिया है. अमेरिका में इस वायरस ने एक करोड़ से ज्यादा जॉब को ख़त्म किया है. वहीं अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस जैसे देशों में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है. भारत में भी इस महामारी के तेजी से फैलने का डर है. भारत सरकार ने इसकी संक्रमण की चेन को रोकने के लिए 25 मार्च से ही 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया हुआ है. इस महामारी के तेजी से फैलने के खतरे के मद्देनजर लोगों की इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की आवश्यकता बढ़ती जा रही है. इस महामारी के समय में अपने नियोक्ता द्वारा उपलब्ध करायी गई बीमा पॉलिसी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनरल इंश्योरेंस कौंसिल के फरवरी 2020 के आंकड़े के अनुसार, कुल हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री 45,997 करोड़ की है, जिसमें से 23,422 करोड़ की ग्रुप पॉलिसीज हैं. सामान्यतया ग्रुप हेल्थ पॉलिसीज में प्रीमियम इंडिविजुअल पॉलिसीज में लिये जाने वाले प्रीमियम की तुलना में कम होता है. हालांकि, इनमें कुछ सीमाएं भी होती हैं. सबसे बड़ा मुद्दा बिना कवर के रह जाने का खतरा भी है, जो महामारी के समय में काफी तनावपूर्ण हो सकता है. इस स्थिति से बचने के लिए इंडिविजुअल और फ्लोटर पॉलिसी लेना काफी सही होता है.

1. अव्वल तो ग्रुप प्लान्स में बीमा राशि और कवर के अंदर आने वाले परिवार के लोगों की संख्या को बदलना नियोक्ता के हाथ में होता है.

2. इससे भी बुरा यह है कि आपका नियोक्ता या हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपके इंश्योरेंस कवर को जारी नहीं रखने का निर्णय ले सकती है. अब अगर आपके पास इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं होगा, तो आपके पास कुछ नहीं बच पाएगा.

3. अधिकांश कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीज कई श्रेणियों में होती हैं. इसलिए अगर आप एक मिड-लेवल या एंट्री लेवल कर्मचारी हैं, तो कवरेज पर्याप्त नहीं हो सकती है.

4. जब आप जॉब बदलते हैं, तो आप बिना बीमा कवर के हो जाते हैं. आपके पुराने कंपनी को छोड़ने और नई को ज्वाइन करने के बीच कुछ अंतराल हो, या आप अपना ही कुछ बिजनेस शुरू करना चाहते हों, तो इस महामारी के समय में मेडिकल इमरजेंसी आने पर यह स्थिति काफी भयावह हो सकती है.

5. अगर आप जॉब छोड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आप अपने नियोक्ता की ग्रुप पॉलिसी को एक इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी में पोर्ट करा सकते हैं. इसके लिए आपको इस्तीफा देने से 30 दिन पहले एप्लीकेशन देनी होती है.

6. यह भी आपको ध्यान रखना चाहिए कि सभी ग्रुप हेल्थ पॉलिसीज निर्भर अभिभावकों को कवर नहीं करती है.

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