रेलवे के एक्सीडेंटरोधी तंत्र को कारगर बनाने में हर व्यक्ति पर आ सकता है 11 हजार का भार
रेलवे के एक्सीडेंटरोधी तंत्र को कारगर बनाने में हर व्यक्ति पर आ सकता है 11 हजार का भार
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नईदिल्ली। रेलवे अपने अर्थतंत्र को मजबूत करने के लिए 5 वर्ष के एजेंडे पर कार्य करने में लगा है। हालांकि रेलवे की इस नीति को रेल दुर्घटनाओं से आघात लगा है। माना जा रहा है कि अब यात्री सुविधाओं में कमी और रेलवे द्वारा नेटवर्क विस्तार सही तरह से न कर पाने की असफलता रेल मंत्रालय के जिम्मे ही आना है। रेलवे को एक्सीडेंट प्रूफ बनाने के लिए अनुमानित तौर पर प्रति व्यक्ति पर लगभग 11 हजार रूपए का भार आएगा।

उत्तरप्रदेश में कैफियत एक्सप्रेस की 10 बोगियाॅं पटरी से उतर गई थीं। इस सप्ताह 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस की दुर्घटना हो चुकी है महाराष्ट्र में नागपुर, मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस के 7 डिब्बे पटरी से उतरे। ऐसे में रेलवे पर आर्थिक दबाव आया है। हालांकि रेल मंत्रालय द्वारा कहा गया कि वह अपनी नीतियों को कारगर बनाने के लिए प्रयास करेगा मगर अब ऐसा होना बेहद मुश्किल नज़र आ रहा है।

रेल मंत्रालय को विभिन्न कार्यों हेतु लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए एक्शन प्लान आगामी 5 वर्ष हेतु दिया गया है। रेलवे के पास उसके कर्मचारियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी है, इन कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर वेतन दिया जाना होता है। ऐसे में रेलवे को लगभग 4.83 लाख करोड़ रूपए वित्त मंत्रालय से विभिन्न प्रोजेक्टस के लिए चाहिए। कर्मचारियों के वेतन पर करीब 30 हजार करोड़ रूपए का व्यय होता है।

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