भारतीय मूल की एक महिला और उसकी पुत्री को फर्जी तरीके से बीमा राशि लेने के लिए अपनी शॉप में आग लगाने की षड्यंत्र रचने के केस में जेल की सजा सुनाई गई है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया की रहने वाली मनजीत सिंह (49) और उनकी पुत्री हर्पनीत बथ (27) को केंटुकी की एक संघीय अदालत ने क्रमश: 18 माह और नौ माह के कारावास की सजा सुनाई है.
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अभियोजन पक्ष ने बताया कि सिंह ने केंटुकी में अपनी शॉप में अग्निकांड करन में एक व्यक्ति को 5,000 डॉलर देने की बात स्वीकार की थी. वह बीमा की राशि लेने के लिए शॉप में आग लगवाना चाहती थी. उन्होंने कहा कि सिंह की बेटी ने भी कनाडा से केंटुकी आकर मां के इस अपराध में मदद करने की बात स्वीकार की है. कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने घटना को अंजाम दिए जाने से पहले ही इस साजिश को नाकाम कर दिया था. दंड के अलावा दोनों पर संयुक्त रूप से 7,500 डॉलर और बथ पर 2,500 डॉलर का हर्जाना लगाया गया है.
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भारतीय मूल के एक सख्त को बिना लाइसेंस के राशि स्थानांतारित करने का दोषी पाया गया है. यह लोगों को लालच देकर ठगने वाली कंपनी को ना केवल तकनीकी मदद प्रदान करता था, बल्कि घपले के दौरान प्राप्त राशि को भारत स्थित स्कीम ऑपरेटरों के पास भेजता था. कैलिफोर्निया के नेवार्क में रहने वाले 24 वर्षीय दपिंदरजीत सिंह को दो नवंबर को सजा सुनाई जाएगी. कोर्ट दस्तावेजों के मुताबिक भारत स्थित कॉल सेंटर लोगों को फोन करके कंप्यूटर में वायरस आने या उसके हैक होने के बारे में बताता था और पीडि़तों से खराबी ठीक करने के लिए अल्फा टेक्नोलॉजी को रकम भेजने के लिए कहता था. जब पीडि़त अल्फा टेक्नोलॉजी को राशि भेज देते तो, दपिंदरजीत सिंह इस रकम को भारत में बैठे जालसाजों के पास भेज देता था.
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