पाकिस्तान की तरफ मुंह कर चुकी थी भारतीय मिसाइलें, बार-बार कॉल कर रहे थे इमरान खान ! किस्सा 'क़त्ल की रात' का, जब कैद में थे अभिनन्दन
पाकिस्तान की तरफ मुंह कर चुकी थी भारतीय मिसाइलें, बार-बार कॉल कर रहे थे इमरान खान ! किस्सा 'क़त्ल की रात' का, जब कैद में थे अभिनन्दन
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नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ तो लिया था और न छोड़ने के दावे भी किए थे। मगर, उस समय पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकल गई, जब भारत ने 9 मिसाइलों का मुंह पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया। इन्हें भारत ने पाकिस्तान बॉर्डर से सटाकर तैनात कर दिया गया था। जिसके बाद पाकिस्तान का हलक सूखने लगा था, अचानक पाकिस्तानी की सेना के इरादे बदल गए। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए कॉल पर कॉल करने लगे थे। जहां पहले पाकिस्तान अकड़ दिखा रहा था, मिसाइलें देखते ही उसकी उसकी घिग्घी बंध गई थी और वो बातचीत करने के लिए मचल रह था, लेकिन पीएम मोदी बातचीत करने में मूड में नहीं थे।    

ये खुलासे पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan में किया है। बिसरिया 2017 से 2020 तक पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे थे, उनके पास ही बातचीत के लिए लगातार कॉल आ रहे थे। उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि इमरान सीधे पीएम मोदी से बात करना चाह रहे थे। वहीं, पीएम मोदी बातचीत करने के इच्छुक नहीं थे, उस रात को प्रधानमंत्री मोदी ने भी कत्ल की रात भी कहा था। 

ये किस्सा 27 फरवरी 2019 का है, जब इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने एक पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था।  मगर, इस दौरान उनके जेट पर पाकिस्तानी मिसाइल लग गई और वे इजेक्ट कर पाकिस्तान में कूद गए। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें फ़ौरन अपने कब्जे में ले लिया। पहले पाकिस्तानी सेना ने काफी हेकड़ी दिखाई, लेकिन जैसे ही भारत सरकार ने कड़ा रुख दिखाया और मिसाइलें पाकिस्तान की तरफ घूमीं, तो पाकिस्तान की हालत खराब हो गई। ये सब इतनी जल्दी हुआ था कि, पाकिस्तानी सेना और इमरान खान को संभलने का मौका भी नहीं मिला था। भारतीय सेना का ये रवैया देखकर पाकिस्तानी सेना और सरकार कांप गई थी।  

अजय बिसारिया अपनी किताब में आगे लिखते हैं कि अभिनन्दन के पकड़े जाने के बाद भारत में मौजूद पाकिस्तानी हाईकमिश्नर सोहेल महमूद ने उन्हें फोन किया। उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान, प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करना चाहते हैं। जिसके बाद बिसारिया ने दिल्ली फोन घुमाकर पता किया। इस बीच कई बार उनके पास कॉल आए। फिर बिसरिया ने महमूद को बताया कि पीएम मोदी अगले कुछ घंटे के लिए बेहद व्यस्त हैं। उसके बाद महमूद का कॉल बिसारिया के पास नहीं आया।  

28 फरवरी को वर्धमान को छोड़ने का ऐलान करते हुए इमरान खान ने पाकिस्तानी संसद में बताया कि उन्होंने रात में प्रधानमंत्री मोदी से बात करने का प्रयास किया था। ताकि शांति कायम रहे। दरअसल, पाकिस्तान यह दिखा रहा था कि उसने अमन के लिए अभिनन्दन को छोड़ा, मगर अमेरिका और इंग्लैंड अच्छी तरह जानते थे कि भारत की धमकी और मिसाइलों के डर से पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है। दरअसल, भारत ने अमेरिका और इंग्लैंड के राजदूतों को अपने सख्त रवैए की जानकारी दे दी थी, यही जानकारी जब पाकिस्तान के पास घूमकर पहुंची, तो उसकी टांगें कांपने लगी। पाकिस्तानी सांसद आयाज़ सादिक ने भी खुद संसद में कहा था कि, जब अभिनन्दन को लेकर बैठक हुई, तो इमरान खान उसमे आए ही नहीं, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी आए, तो उनकी टांगें काँप रही थी, माथे से पसीना टपक रहा था। कुरैशी ने कहा था कि, अगर अभिनन्दन को नहीं छोड़ा, तो भारत रात 9 बजे पाकिस्तान पर हमला कर देगा। कुरैशी ने कहा था कि अल्लाह के वास्ते इसको (अभिनंदन) वापस जाने दो। 

 

पहले पाकिस्तान अभिनन्दन मामले को आतंकवाद से जोड़ने की तैयारी कर रहा था, भारत को ये बात पहले से पता था कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में अपनी भूमिका नहीं मानेगा। फिर  चाहे वह 9/11 हो, 26/11 मुंबई हमला। पठानकोट हो, उरी हमला हो या पुलवामा। इसलिए भारत ने अपनी मिसाइलें तैनात कर दी थी और अमेरिका-इंग्लैंड के जरिए ये बात पहुंचा दी थी कि अगर पाकिस्तान नहीं माना, तो ये रात उसके लिए क़तल की रात होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 की एक चुनावी रैली में यह कहा था कि यदि पाकिस्तान अभिनंदन को नहीं छोड़ता तो वह कत्ल की रात होती। इसके अलावा अजय बिसारिया की किताब में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।  

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