चीन की घुसपैठ के खिलाफ भारत बना रहा उत्तराखंड में बंकर्स
चीन की घुसपैठ के खिलाफ भारत बना रहा उत्तराखंड में बंकर्स
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उत्तरकाशी। उत्तराखंड के क्षेत्र में चीन द्वारा की जाने वाली घुसपैठ के बाद भारत ने पुराने बंकर्स की मरम्मत के ही साथ यहाॅं पर नए बकर्स बनाने प्रारंभ कर दिए हैं। इस मामले में सेना की बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप बंकर्स निर्माण में लगी है। गौरतलब है कि चीन द्वारा सिक्किम में सड़क निर्माण कार्य के नाम पर घुसपैठ की और यहाॅं पर भूटान की ओर बने पुराने बंकर्स को नष्ट कर दिया था। भारत ने चीन द्वारा डोकलाम में की गई इस घुसपैठ का विरोध किया था तो चीन ने मानसरोवर की यात्रा करने वाले यात्रियों को नाथुला दर्रे वाले मार्ग पर रोक दिया था।

अब चीन उत्तराखंड के क्षेत्र में घुसपैठ करने में लगा है। इस मामले में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के कमांडेंट केदार सिंह रावत ने बताया कि सीमा पर हाई अलर्ट है और सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।345 किमी सीमा चीन लगती है उत्तराखंड में उत्तराखंड में 345 किलो मीटर लंबी सीमा चीन से लगती है। इसमें से 122 किलो मीटर उत्तरकाशी जिले में है। यह क्षेत्र समुद्रतल से 3800 से लेकर 4600 मीटर की ऊंचाई पर है।

चीन की हलचल को लेकर इंडो तिब्बत बाॅर्डर पुलिस के जवान 9 चैकियों के माध्यम से निगरानी करने में लगे हैं। गौरतलब है कि चमोली के बाड़ाहोती क्षेत्र में जुलाई में ही चीनी सैनिकों के दो बार घुसपैठ की सूचनाएं हैं। चीन ने 26 जुलाई को ही घुसपैठ की थी इसके बाद अब फिर चीन यहाॅं पर घुसपैठ करने में लगा है। गौरतलब है कि वर्ष 1962 में क्षेत्र में दो गांव थे जिनका नाम नेलांग व जादूंग था। मगर सेना ने यहाॅं के हर्षिल कारछा व नेलांग और अन्य स्थनों पर बंकर्स का निर्माण किया था। युद्ध के बाद गांवों को विस्थापित कर दिया था। अब इस क्षेत्र में सेना बंकर बनाने में जुटी है।

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