इंडियन टीम एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) एशियाई कप के अपने शुरुआती मुकाबले में वियतनाम के विरुद्ध शनिवार को यहां जब मैदान में उतरेगी तो बीते डेढ़ वर्ष की उसकी तैयारियों की असल परीक्षा होने वाली है। इंडियन टीम मुख्य कोच बिबियानो फर्नांडिस की देखरेख में टूर्नामेंट के 2018 सत्र में सेमीफाइनल में पहुंच गई थी। उन्होंने खिलाड़ियों में जीत की संस्कृति पैदा करने के महत्व पर जोर भी दे दिया है।
फर्नांडिस ने बोला है, ‘बेशक, खिलाड़ियों में सुधार महत्वपूर्ण है, लेकिन जीतना हमेशा सबसे महत्वपूर्ण है। हम शीर्ष खिलाड़ियों को विकसित करना और तैयार करना चाहते हैं, और अगर हम जीत दर्ज करने में नाकाम रहे तो ऐसा नहीं कर पाएंगे।' उन्होंने बोला, ‘मैच जीतना और FIFA अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करना सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हम इस उम्र में वर्ल्ड कप नहीं खेल सकते तो हम एक फुटबॉल राष्ट्र के रूप में विकसित नहीं हो सकते है। इस खेल का विकास हमारे दिमाग में है, लेकिन हम सभी का ध्यान मैच जीतने पर है।'
इंडिया ने इससे पहले प्रतियोगिता के 2018 सत्र (तब एएफसी अंडर -16 चैम्पियनशिप के रूप में जाना जाता था) में वियतनाम का सामना किया था। इंडिया टीम ने इस मुकाबले को 1-0 से जीता था। इस टूर्नामेंट की तैयारियों के लिए भारतीय टीम ने डेढ़ महीने तक स्पेन और जर्मनी का दौरा किया था। टीम ने इस बीच रीयाल मैड्रिड, एटलेटिको डि मैड्रिड, गेटाफे सीएफ, यूडी लेवांते, VFB स्टटगार्ट और एफसी ऑग्सबर्ग की युवा टीमों के साथ अभ्यास मैचों में भी हिस्सा ले लिया था। AFCअंडर-17 एशियाई खेलों में इंडियन टीम ग्रुप डी मे है। इस ग्रुप में भारत और वियतनाम के अलावा उज्बेकिस्तान और जापान की टीम भी कही जाती है।
भारतीय कोच ने बोला है कि‘हमने यूरोप में अच्छी टीमों के खिलाफ कुछ बेहतरीन अभ्यास मैच खेले हैं। हम जानते है कि यह अलग तरह की प्रतियोगिता है। इसके मुकाबले अलग तरह के होंगे।' उन्होंने बोला है कि, ‘हम यहां के स्तर को जानते हैं। ग्रुप चरण में हमारे तीनों प्रतिद्वंद्वी AFC अंडर-17 एशियाई कप में नियमित तौर पर खेलते है। इसलिए हमारे पास एक योजना है। हमने उसी तरह से इस प्रतियोगिता की तैयारी की तैयारी भी कर ली है।'
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