हरिद्वार : केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी से लोग एक तरफ जहां हाहाकार मचा रहे थे वही कुछ लोग ऐसे थे जो इस ह्रदय विदारक घटना पर भी अपने खजाने को भरने में लगे हुए थे। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहा एक दंपती ने अपने 2 बच्चों को लापता बता कर उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार से 7 लाख रुपये का मुआवजा ऐंठ लिया। इस मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने सोमवार को दोनों बच्चों और दंपती को हरिद्वार से हिरासत में ले लिया और आरोपी दंपती के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज़ कर लिया है।
वहीं दंपति का इस मामले पर कहना है कि उनके बच्चे केदारनाथ में आई त्रासदी के तीन महीने बाद लौट आए थे और जब वो इसकी जानकारी देने पुलिस थाने पहुंचे तो उन पर केस दर्ज कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी में कई लोगो की जाने चली गई थी। इस दौरान मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर गांव रामनगर थाना भगवा पोस्ट ललपुर निवासी राम कृपाल और उसकी पत्नी विद्या अपने 2 बच्चों के साथ यहां आए हुए थे।
इस दौरान उन्होंने पुलिस को सुचना दी की उनके 2 बच्चे ममता और अजय इस आपदा में गम हो गए है। इस पर उत्तराखंड सरकार ने दोनों बच्चों का मृत्य प्रमाणपत्र जारी कर 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 3 लाख रुपये का मुआवजा दिया। इसके बाद पुलिस ने सोमवार को आपदा में मृत्य बताए गए दोनों बच्चों को जीवित हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। वहीं, आरोपी दंपती का कहना है कि दोनों राज्यों से मिली मुआवजे की बड़ी रकम पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हड़प ली।