इन आठ सीटों पर टिकी हुई है सबकी निगाहें
इन आठ सीटों पर टिकी हुई है सबकी निगाहें
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नई दिल्ली: वोटिंग होने के बाद आज दिल्ली अपना फैसला सुनाने वाली है। हालांकि सभी पार्टियां अपनी अपनी जीत का दावा करती आ रही हैं लेकिन दिल्ली की आठ  विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी दलों की निगाहे टिकी हुई हैं। ये सीटें किसी भी पार्टी के बहुमत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। आखिर इन सीटों पर ही क्यों रखी जा रही है निगाह :

द्वारका: इस सीट पर 2015 में आम आदमी पार्टी के आदर्श शास्त्री ने लगभग 40 हजार वोटों के भारी अंतर से अपनी  जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार उस वक्त ट्विस्ट आ गया, जब आप ने आदर्श शास्त्री का टिकट काट दिया। इसके साथ ही यहां सभी समीकरण बदल गए। आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया जबकि आप ने कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को टिकट दे दिया जबकि बीजेपी के पूर्व विधायक प्रद्युमन राजपूत मैदान में हैं।

हरि नगर: पश्चिमी दिल्ली की हरि नगर सीट पंजाबी बहुल है और यहां पिछली बार आप के जगदीप सिंह ने जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार आप ने जगदीप सिंह की बजाय कांग्रेस से आयी राजकुमारी ढिल्लन को उम्मीदवार बना दिया। यहां पेंच यह है कि कांग्रेस ने इस बार इलाके के पार्षद को ही उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने भी तेजिन्दरपाल बग्गा को टिकट दिया है। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला अहम होगा।

शकूरबस्ती: यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आप से केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन मैदान में हैं। पिछली बार उन्होंने महज 3133 वोटों से ही जीत हासिल की थी। इस बार उनके मुकाबले कांग्रेस से विधायक रहे एस.सी. वत्स, बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं जबकि कांग्रेस से देवराज अरोड़ा मैदान में हैं। इस सीट पर शाम पांच बजे के बाद 15 फीसदी से भी अधिक वोटिंग हुई है।

मॉडल टाउन: आप छोड़कर बीजेपी में आए कपिल मिश्रा के मैदान में उतरने की वजह से भी इस सीट पर सभी की निगाहें हैं। आप ने अखिलेशपति त्रिपाठी को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि पिछली बार ही त्रिपाठी की जीत का मार्जिन 16 हजार से अधिक वोटों का था लेकिन इस बार बीजेपी और खुद कपिल मिश्रा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है।

गांधी नगर: इस सीट पर आप का कैंडिडेट तो बदला ही, साथ ही कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतारने लके कारण से यह हॉट सीट बनी हुई है। पिछली बार यहां से आप के अनिल वाजेपयी जीते थे, जो इस बार बीजेपी से मैदान में हैं। आप ने नवीन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार भी आप उम्मीदवार की जीत साढ़े सात हजार से कम वोटों से ही हुई थी।

सीलमपुर: इस सीट पर इसलिए सभी की निगाहे हैं, क्योंकि पिछली बार आप से जीत हासिल करने वाले मोहम्मद इशाक की बजाय पार्टी ने अब्दुल रहमान को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने मतीन अहमद और बीजेपी ने कौशल मिश्रा को टिकट दिया है। इस तरह से आप और बीजेपी दोनों के ही नए उम्मीदवार हैं।

नजफगढ़: कभी किसी विधायक को दोबारा मौका न देने वाली नजफगढ़ सीट पर केजरीवाल सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत मैदान में हैं। पिछली बार उन्होंने महज डेढ़ हजार वोटों से ही जीत हासिल की थी। यह कम अंतर और इस सीट के पिछले रेकॉर्ड की वजह से ही लोगों की इस सीट पर निगाहे हैं। इस बार गहलोत के मुकाबले बीजेपी के अजीत खडखड़ी हैं जबकि कांग्रेस के साहिब सिंह यादव मैदान में हैं।

कृष्णा नगर: पिछली बार बीजेपी की मुख्यमंत्री का चेहरा बनी किरण बेदी यहां से उम्मीदवार थीं लेकिन आप के एस.के. बग्गा ने ही उन्हें मात दे दी थी। हालांकि जीत हार का अंतर 2277 वोटों का ही था। इस बार कांग्रेस के डॉ. अशोक वालिया और भाजपा के अनिल गोयल मैदान में बने हुए हैं।

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