'कुछ मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा...', मुख्यमंत्री आवास से विदाई भाषण में बोले शिवराज सिंह चौहान
'कुछ मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा...', मुख्यमंत्री आवास से विदाई भाषण में बोले शिवराज सिंह चौहान
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भोपाल: मध्य प्रदेश के निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। पत्रकारों ने पूछा कि चुनाव जीतने के पश्चात् आपने दिल्ली नहीं जाने की बात क्यों कही थी? जवाब में शिवराज ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मरना बेहतर है। दरअसल, 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिलने पर राज्य के दिग्गजों ने मुख्यमंत्री पद की हसरत को लेकर दिल्ली में डेरा डाल लिया था। जब इसी सिलसिले में सवाल पूछे जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली न जाने की बात कही थी। 

इसी को लेकर पूछे गए सवाल पर आज फिर शिवराज ने कहा, ''एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा, इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।'' प्रेस कॉन्फ्रेंस आरम्भ करने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार अधूरे कामों को पूरा करेगी तथा प्रगति के मामले में मध्य प्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा। मैं सदैव मोहन यादव को सहयोग करता रहूंगा। आज मेरे मन में संतोष का भाव है। 2003 में उमा जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी सरकार बनी थी। उसी सरकार का नेतृत्व बाद में मैंने किया था। 2008 में हम फिर सरकार वापस लेकर आए, 2013 में फिर भारतीय जनता पार्टी सरकार भारी बहुमत से बनी। 2018 में भी वोट भारतीय जनता पार्टी को अधिक मिले, लेकिन सीटों के गणित में हम पिछड़ गए थे। मगर बाद में फिर हमने सरकार बनाई। आज जब मैं यहां से विदाई ले रहा हूं तो मुझे इस बात संतोष है कि 2023 में फिर भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी सरकार बनी है। 

मेरा मन संतोष से भरा हुआ है क्योंकि लाखों कार्यकर्ताओं अथक परिश्रम तथा पीएम नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद की वजह से, केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं की वजह से, जिसमें लाडली बहना योजना का योगदान जबरदस्त है, यह सरकार बनी। मुझे इस बात का भी संतोष है हमें विरासत में पिछड़ा और बीमारू मध्य प्रदेश मिला था। लंबा सफर हमने विकास और प्रगति का तय किया। इन सालों में मैंने अपनी क्षमता और सामर्थ्य को झोंक कर प्रदेश के विकास के लिए काम किया। मैंने पूरी प्रमाणिकता, ईमानदारी के साथ प्रदेश का काम किया। इसी कारण गड्ढों वाली सड़कों से बेहतरीन हाइवे वाला प्रदेश बन गया। अंधेरे के घेरों से निकालकर उजालों की दुनियों में हम नए मध्य प्रदेश को लेकर आए। सामान्य शब्दों में कहें तो भट्ट सुअर से लेकर मेट्रो ट्रेन तक का सफर हमने तय किया। टपरे वाली ITI से हम ग्लोबल स्किल पार्क तक पहुंचे। मेडिकल कॉलेज हो या सीएम राइज स्कूल, टूरिज्म का क्षेत्र हो या सांस्कृतिक पुर्नउत्थान का, महाकाल लोक से लेकर देवीधाम लोक तक स्थापित किए।''   

शिवराज ने आगे कहा, सीएम रहते हुए भी कभी जनता से मेरे मुख्यमंत्री वाले रिश्ते नहीं रहे, परिवार के रिश्ते रहे हैं। मामा का रिश्ता प्यार और भैया का रिश्ता विश्वास का होता है। प्यार और विश्वास के रिश्ते को जब तक मेरी सांस चलेगी, तब तक मैं टूटने नहीं दूंगा। जनता की सेवा भगवान की पूजा है। यह पूजा मैं सदैव करता रहूंगा। क्योंकि उन्होंने मुझे अपना ही माना, कोई दूसरा नहीं माना। आपको बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने के पश्चात् राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की तथा अगली सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। 13 दिसंबर यानी बुधवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।  

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