अपने राजनीतिक करियर में किसी का ऐसा मीडिया ट्रायल नहीं देखाः एकनाथ खडसे
अपने राजनीतिक करियर में किसी का ऐसा मीडिया ट्रायल नहीं देखाः एकनाथ खडसे
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मुंबई: अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम से पोन पर बात करने और एमसीडी की जमीन बेचने के आरोपों में फंसे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने आज सीएम देवेंद्र फड़नवीस से मिलकर अपना इस्तीपा उन्हें सौंप दिया. मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सुबह 10.30 बजे इस्तीफा सौंपने के बाद खड़से ने मीडिया ट्रायल का आरोप लगाया।

उन्होने कहा कि वो बेकसूर है. उनके होमटाउन मुक्ताईनगर में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर आगजनी की. इस्तीफा देने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष रखते हुए खड़से ने कहा कि अपने अब तक के राजनीतिक करियर में उन्होने किसी का ऐसा मीडिया ट्रायल होते नहीं देखा. उन पर जो बी आरोप लगाए गए है, वो पूरी तरह से निराधार है।

राजस्व मंत्री ने कहा कि उनके पास जो मंत्रालय है, उसमें उन्होंने अपने कार्यकाल के 119 फैसले लिए. इनमें कई कठोर फैसले हैं. पिछले चार दशक से वो पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं. उन्होंने दावा किया कि पार्टी उनके साथ आज भी मजबूती से खड़ी है. एकनाथ खडसे के साथ महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे भी थे, उन्होंने कहा कि, अपने मंत्री पद से खडसे ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने शाह को रिपोर्ट सौंप दी है. इसके कुछ ही घंटो बाद गुरुवार की रात को मोदी से भी मुलाकात की गई। फड़नवीस ने मोदी को खड़से की रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया, मुलाकात के बाद फड़नवीस ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप दी है।

अब पार्टी इस पर आवश्यक कदम उठाएगी. खडसे पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद से फोन पर बात करने का आरोप पहले ही लग चुका है. दबी जुबान में कहा जा रहा है कि एकनाथ खडसे को उनके पद से हटाया जा सकता है. महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी की संयोजक अंजलि दमानिया ने खडसे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

इस्तीफे की मांग को लेकर वो मुंबई में अनशन पर बैठी है. माना जा रहा है कि खडसे को आनन-फानन में हटाने की प्रक्रिया इसलिए शुरु की गई है, क्यों कि इससे पीएम मोदी के न खाऊंगा औऱ खाने दूंगा के अभियान पर सवाल उठने लगा है. महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री खडसे पर पुणे के भोसरी इलाके में एमआईडीसी की जमीन 3.75 करोड़ में खरीदने का आरोप है, जबकि एमआईडीसी की ज़मीन का सौदा नहीं हो सकता है।

इस मामले को प्रकाश में लाने वाले पुणे के बिल्डर हेमंत गावड़े का कहना है कि सरकारी कंपनी को उसकी जमीन बेचे जाने की जानकारी नहीं है। एमआईडीसी का कहना है कि जमीन उनकी है और इसे बेचा नहीं जा सकता है, अगर इसे बेचा जाता है और हमें पता चलता है तब हम इसकी शिकायत दर्ज करवाएंगे।

गावड़े ने कहा कि अगर एमआईडीसी शिकायत दर्ज नहीं करवाएगी तो वह कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे. कहा जा रहा है कि खड़से ने सरकारी जमीन को पत्नी और दामाद को 3 करोड़ में बेच दिया. जिसकी बाजार में कीमत 23 करोड़ के करीब आंकी गई है. इस पर खडसे का कहना है कि जमीन सरकारी नहीं है और इसे उन्होने एक पार्टी से बाजार भाव में खरीदा है।

साथ ही उनका दावा है कि जमीन पर जो भी स्टाम्प ड्यूटी बनी है, जमा की गई है। इसलिए पूरे मसले पर कोई विवाद नहीं है।

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