भारत के लोग 15 जून को गलवन वैली क्लैश के मद्देनजर 'मेड इन चाइना' वस्तुओं के देशव्यापी बहिष्कार पर जोर दे रहे हैं. इसपर हैदराबाद के डीलरों का कहना है कि चीनी उत्पादों का निश्चित रूप से बहिष्कार किया जाना चाहिए लेकिन धीरे-धीरे.
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रीगल स्पोर्ट्स एंड फिटनेस कंपनी के सीईओ राजीव ने मीडिया को बताया कि, 'यह ठीक है कि सरकार दबाव डाल रही है, कि भारतीय आयातकों को भारत में उत्पादन और बिक्री करनी चाहिए. लेकिन कुछ ऐसे उत्पाद हैं, जो भारत में निर्मित नहीं होते हैं.' उन्होंने आगे कहा कि हमें भारत में विनिर्माण में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आपको इसके लिए हमें समय देना होगा. यदि मांग कम हो जाती है, तो मांग नहीं होने पर मैं विनिर्माण में क्यों जाऊंगा. इसके अलावा, अगर कच्चे माल की आपूर्ति बंद हो जाती है, तो क्या होगा? मालिक के दबाव के कारण कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी.
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एक अन्य डीलर, सजदेव स्पोर्ट्स के दीप ने बताया कि केंद्र को हर क्षेत्र के लिए दिशानिर्देशों के साथ सामने आना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम इसे अचानक नहीं रोक सकते हैं. हमें धीरे-धीरे उत्पादों का बहिष्कार करने की दिशा में काम करना चाहिए. अगर आप अचानक चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए कहते हैं, तो यह संभव नहीं है.' उन्होंने कहा, 'केंद्र द्वारा दिशानिर्देशों का एक निश्चित सेट जारी किया जाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे हमें चीन से आयात को कम करना चाहिए. ऐसा करने से, हमने एक साल के भीतर इस पर रोक लगा सकते हैं.
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