केंद्र को इतनी जल्दी क्या थी राष्ट्रपति शासन लगाने कीः कोर्ट
केंद्र को इतनी जल्दी क्या थी राष्ट्रपति शासन लगाने कीः कोर्ट
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देहरादून : बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सियासी मामलों को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट की दोहरी पीठ ने उतराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे। कोर्ट में केंद्र का पक्ष रखने आए अटॉर्नी जनरल से पूछा गया कि केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की इतनी जल्दी क्यों थी, जबकि विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए अभी एक दिन का समय बाकी था। अदालत ने कहा कि किसी भी पार्टी को अपना बहुमत साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए, यही एक स्वस्थ प्रक्रिया है।

इसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट तो सरकार का होता है, लेकिन उतराखंड विधानसभा में न तो कोई कैबिनेट है और न ही कोई मंत्री। विधानसभा तो पहले ही निलंबित हो चुकी है, तो ऐसे में फ्लोर टेस्ट कैसे होगा। आगे उन्होने कहा कि राज्य में विधायकों पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा है, जिसके बाद विधानसभा को निलंबित करने और राष्ट्रपति शासन लगाना ही सही विकल्प था।

फिलहाल जारी बहस में यह भी कहा गया कि हमारी कोशिश यह है कि किसी भी हाल में धारा 356 का राजनीतिक इस्तेमाल न हो सके। बेंच ने मामले की अगलवी सुनवाई 1 अप्रैल को करेगी। बता दें कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर हाइ कोर्ट की एकल पीठ ने 31 मार्च को हरीश रावत सरकार को बहुमत साबित करने को कहा है। इसी के खिलाफ बीजेपी ने दोहरी पीठ में अपील की है।

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