कभी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में टीचर थे हरिवंश राय बच्चन, 14 साल की लड़की से की थी लव मैरिज
कभी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में टीचर थे हरिवंश राय बच्चन, 14 साल की लड़की से की थी लव मैरिज
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भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवबंर 1907 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। अब वह इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन लोग उनकी कविताओं को बहुत पसंद करते हैं। हरिवंश राय बच्चन की रचना मधुशाला बहुत प्रसिद्ध कविता (Kavita) है। जी हाँ और इसके अलावा भी उन्होंने कई कविताएं लिखी हैं, जिनमें जीवन, विरह, उम्मीद और प्रेम की झलक मिलती है। आपको यह तो पता ही होगा हरिवंश राय बच्चन का नाम हिन्दी भाषा के मशहूर कवि के तौर पर याद रखा जाता है। जी हाँ और हम आपको यह भी बता दें कि हरिवंश राय हिन्दी साहित्य के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों (Poets) में से एक हैं। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बतौर टीचर पढ़ाया भी था।

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एक साधारण कायस्थ परिवार में जन्मे हरिवंश राय पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव और मां सरस्वती देवी के बड़े बेटे थे। कहा जाता है इनको बचपन में लाड़ से बच्चन कहा जाता था, जिसका मतलब है बच्चा या संतान। हालाँकि बाद में हरिवंश राय बच्चन ने अपने नाम से श्रीवास्तव हटाकर बच्चन लगा दिया और से इसी नाम से मशहूर हुए। साल 1926 में 19 साल की उम्र में इनका श्यामा बच्चन से प्रेम विवाह हुआ था, जो उस समय 14 वर्ष की थी। हालाँकि साल 1936 में उनका लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उसके बाद साल 1942 में बच्चन ने तेजी सूरी से दूसरी शादी की। जिनसे उनके दो बेटे अमिताभ और अजिताभ हैं।

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वहीँ कुशल साहित्यकार कवि और लेखक हरिवंश राय की शुरुआती शिक्षा म्यूनिसिपल स्कूल, कायस्थ पाठशाला और गवर्नमेंट स्कूल से हुई थी। उसके बाद हरिवंश राय ने साल 1938 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम।ए। किया और सन् 1939 में काशी विश्वविद्यालय से बी।टी।सी। की डिग्री हासिल की थी। उसके बाद वह यहां 1942 से 1952 तक प्रवक्ता रहे और इसके बाद इंग्लैंड चले गए। वहां इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से इंग्लिश लिटरेचर में पीएचडी की उपाधि मिली। आपको बता दें कि हरिवंश राय दूसरे ऐसे भारतीय थे जिन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई थी। वापस आकर इन्होंने फिर से यूनिवर्सिटी में पढ़ाना शुरू कर जिया था। साथ ही ऑल इंडिया रेडियो अलाहाबाद में भी काम करते थे।

सन् 1955 में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में इन्होंने हिंदी विशेषज्ञ के पद पर संभाला। उसके बाद साल 1966 में इनका नाम राज्य सभा के लिए लिया गया। वहीं 3 साल बाद भारत सरकार ने हरिवंश राय को साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया। उसके बाद हिंदी साहित्य में इनके विशेष योगदान के लिए1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। हरिवंशराय को सरस्वती सम्मान, नेहरु अवार्ड, लोटस अवार्ड से भी नवाजा गया था। शेक्सपियर की Macbeth and Othello को हिंदी ट्रांसलेशन के लिए इन्हें हमेशा किया जाएगा। वहीं साल 1984 में हरिवंशराय बच्चन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद '1 नवम्बर 1984' लिखी थी।ये इनकी अपनी आखिरी रचना थी।

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