19 दिन बाद आज ख़त्म हुआ हार्दिक पटेल का 'फ़ास्ट टू डेथ'
19 दिन बाद आज ख़त्म हुआ हार्दिक पटेल का 'फ़ास्ट टू डेथ'
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अहमदाबाद: पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को दो पाटीदार सामाजिक-धार्मिक निकायों - खोदल्धम और उमियाधम के नेताओं के हाथों से 'फास्ट टू डेथ' समाप्त कर दिया है. हार्डिक के करीबी सहयोगी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजकों में से एक मनोज पनारा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की. पनारा ने कहा कि "हार्दिक अपने उपवास जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्प थे, लेकिन, हमने उनसे उपवास तोड़ने और इस सरकार के खिलाफ लड़ने का अनुरोध किया और हमारी मांग को स्वीकार करते हुए, हार्दिक ने खोदल्धम और उमियादम के नेताओं के हाथों से 3 बजे अपना उपवास तोड़ने का फैसला किया था. 

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पाटीदार समुदाय की दो मुख्य मांगों आरक्षण और किसानों को ऋणों में छूट के साथ, हार्दिक ने अहमदाबाद में वैष्णोदेवी सर्किल के पास अपने आवास पर 25 अगस्त से 'फास्ट टू डेथ' शुरू किया था. बाद में, उन्होंने जेल से पीएएएस संयोजक अल्पेश कथिरिया को रिहा करने की मांग भी जोड़ा था, जो गुजरात सरकार द्वारा उनके खिलाफ पंजीकृत राजद्रोह के मामले में 19 अगस्त से जेल में हैं. हार्दिक के इस अनशन के दौरान प्रकाश अम्बेडकर, शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा, हरीश रावत, जिग्नेश मेवानी इत्यादि नेता उनसे मिलने पहुंचे थे. लेकिन, गुजरात सरकार ने उनके साथ कोई चर्चा नहीं की. एक बार, सरकार ने हार्दिक और राज्य सरकार के बीच वार्ता में मध्यस्थता करने के लिए विश्व उमिया फाउंडेशन के सी के पटेल जैसे कुछ पाटीदार संगठनों के कुछ नेताओं से कहा था, किन्तु पीएएएस ने सी के पटेल द्वारा मध्यस्थता से इंकार कर दिया.

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अपने अनशन के दौरान हार्दिक ने अपनी कुछ इच्छाएं भी जाहिर की थी, उन्होंने मरणोपरांत नेत्र दान करने का फैसला लिया था, साथ ही 2015 में आरक्षण आंदोलन में मारे गए 14 पाटीदार युवाओं के अपने माता-पिता, बहन और परिवारों के बीच अपनी संपत्ति वितरित करने की घोषणा की थी. 7 सितम्बर को सांस लेने में और गुर्दों में परेशानी होने के कारण हार्दिक को सोला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उनका उपचार करते हुए उन्हें स्वस्थ करार दिया था, जिसके बाद हार्दिक खुद एसजीपीवी अस्पताल में भर्ती हो गए थे, कुछ दिन वहां रहकर हार्दिक ने अपने घर से ही अनशन जारी रखने का निर्णय लिया था. 

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