अहमदाबाद : गुजरात सरकार ने आसाराम को एक जबरदस्त झटका दिया है. सूत्रों के अनुसार आसाराम के मोटेरा स्थित मुख्य आश्रम के हाथ से 10 एकड़ जमीन निकलने वाली है। आसाराम की इस जमीन की लीज रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने रिन्यू करने से तुरंत ही मना कर दिया है। जल्द ही गुजरात का प्रशासन इस जमीन से आश्रम का कब्जा हटाएगा। इसका प्रमुख कारण यह रहा की गुजरात सरकार ने वर्ष 1999 में आसाराम के मोटेरा स्थित गुरुकुल को यह जमीन 15 साल की लीज पर दी थी। 4 जनवरी, 2014 को लीज की मियाद खत्म हो जाने के बाद पुनः गुरुकुल से जुड़े आसाराम महिला उत्कर्ष आश्रम ने इसे रिन्यू करने की अपील की थी। परन्तु सोमवार को रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। गुजरात सरकार की ओर से कराई गई एक जांच की रिपोर्ट के आधार पर एेसा किया गया।
जाँच रिपोर्ट का कहना था की उस जमीन को जिस शर्तो पर दिया गया था उसका पालन नही हुआ है। शर्तो में प्रमुख उल्लेख था की वहा के दस एकड़ के प्लाट पर करीब चार हजार से भी ज्यादा पेड़ लगाने थे, परन्तु जाँच में पाया गया की वहा पर 1542 पेड़ ही लगाए गए जो नियम व शर्तो के मुताबिक गलत है। अब लीज रिन्यू नहीं होने के बाद जमीन पर आश्रम का कब्जा नहीं रह जाएगा। उसे पुनः गुजरात सरकार वापस ले लेगी।
आसाराम अभी भी राजस्थान की जोधपुर जेल में एक नाबालिक से दुष्कर्म के आरोप में जेल की हवा खा रहे है। खबर के अनुसार पहले भी यह आश्रम चर्चा का विषय बना था जब यहाँ के गुरुकुल में पढ़ने वाले दो बच्चे दीपेश व अशिषेक की आश्रम में लापता होने के तीन दिन बाद ही लाश बरामद हुई थी।