राजस्थान / भरतपुर : गुर्जरों ने एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के मार्गदर्शन में करीब 5,000 गुर्जरों ने भरतपुर जिले में हिंडन शहर के पास दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक की फिश प्लेट्स को उखाड़ दिया और रेल ट्रैक पर बैठ गए हैं. प्रदर्शनकारीयो की मांग हैं कि गुर्जरों को ओबीसी वर्ग में विशेष कैटेगरी में तत्काल शामिल किया जाए. हालांकि यह न्यायिक मामला है. बैंसला ने इस मांग को स्वीकार करने के लिए सरकार को रात 7 बजे तक का समय दिया. इस प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए गुर्जरों और राज्य सरकार के बीच समझौते की पहल की जा रही है.
राजस्थान की मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में गुर्जरों का विरोध-प्रदर्शन हिंसक रहा था. दो साल तक चले उस हिंसक प्रदर्शन में कथित तौर पर 70 लोगों की मौत हुई थी. उस समय भी गुर्जरों ने रेल ट्रैक पर ही बैठकर धरना दिया था. हालांकि बैंसला बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे और उसके टिकट पर 2009 का आम चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. फिर 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था.
गुर्जरों में बैंसला का समर्थन कम हुआ है लेकिन वे मुश्किल खड़ी करने में सक्षम हैं और वे कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं. गुर्जरों को लगता है कि अनुसूचित जनजाति में उन्हें इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि आदिवासी जाति मीणा इसके खिलाफ है. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी गुर्जर हैं और उन्होंने भी गुर्जर समुदाय की नाराजगी को हवा दी है. ओबीसी वर्ग के ज्यादातर पिछड़े समुदाय जाट समुदाय की वजह से दबाव में हैं और इस वजह से वे ओबीसी में विशेष कैटेगरी की मांग कर रहे हैं.