नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इस समय काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं. दरअसल, वे अयोध्या राम मंदिर विवाद को लेकर काफी विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि 'अयोध्या की जमीन न राम की न मंदिर की' हैं. बस उनके इस बयान ने उनकी जान आफत में डाल दी हैं. उनके इस बयान का जमकर विरोध हो रहा हैं. तमाम हिन्दू संगठन इस पर जमकर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के ख़िलाफ़ हिंदूवादी संगठन सड़कों पर उतर गए हैं. बता दे कि इसे लेकर आगरा से हिंदूवादी संगठन 'हिंदू ही आगे' ने मोर्चा खोल दिया हैं. 'हिंदू ही आगे' संगठन के अध्यक्ष गोविंद पराशर ने मुख्तार अब्बास नकवी की कड़े शब्दों में निंदा की हैं. गोविन्द पराशर ने अब्बास पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख़्तार ने 'अयोध्या की जमीन न राम की न मंदिर की' कहकर समस्त हिंदुओं की आस्था को ठेंस पहुंचाई हैं. नकवी कौन होते हैं इस तरह के बयान देने वाले.
पराशर ने नकवी को देश निकाला दिए जाने की बात कही हैं. उन्होंने कहा कि जब प्रभु श्री राम के लिए देश में जगह नही हैं. तो फिर नकवी के लिए भी देश में जगह नहीं है. गोविन्द पराशर ने कहा है कि हमारे संगठन ने तलवार से उनका पुतला गोदा है, वक्त आने पर हकीकत में भी नकवी के साथ ऐसा ही करेंगे. भाजपा को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि वह स्थिति साफ़ करें कि राम मंदिर बनेगा या नहीं. उन्होंने यह भी माना है कि किसी मुस्लिम ने भाजपा को वोट नहीं दिए हैं. बीजपी को हिन्दुओं ने वोट देकर जिताया हैं.
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