सरकार कबाड़ को बेच कर एकत्र करेगीं 500 करोड़ की धनराशि
सरकार कबाड़ को बेच कर एकत्र करेगीं 500 करोड़ की धनराशि
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रायपुर:  वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार ने एक नया तरीका ईजाद किया हैं. जिसमें सरकार बंद पॉवर प्लांट, मार्कफेड की राइस मिलों के अतिरिक्त विभागों की कंडम गाड़ियां, फर्नीचर व अन्य अनुपयोगी सामग्रियों को बेचने का फैसला किया है. जिसमें छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी की कोरबा स्थित 50-50 मेगावाट क्षमता के चार प्लांट व 29 राइस मिलों को नीलाम किया जाएगा. इन मिलो के कबाड़ से 500 करोड़ से अधिक जुटाने की तैयारी कर रही है. जिसमें सरकार ने सभी विभागों को यह स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि 31 मार्च से पहले ही कबाड़ की सूची बनाकर तैयार करें. ताकि नीलामी पश्चात् किसी भी विभाग के पास कबाड़ पाए जाने के पश्चात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. सरकार यह कदम अपने कर्ज को कम करने के लिए कर रहे हैं. जिसमें  किसानों की कर्ज माफी, 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी, बिजली बिल हाफ, पंजीयन शुल्क में छूट जैसी योजनाओं से सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है. इन तरह के उपाय से सरकार ने अब विभागों में डंप कबाड़ को बेचकर फंड जुटाने का फैसला किया हैं.

वित्त विभाग के प्रभारी मंत्री सीएम भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव आरपी मंडल को निर्देश दिए थे. वही वित्त विभाग के एसीएस मुख्य सचिव ने विभागों के साथ-साथ निगम-मंडलों के पास रखे कबाड़ को नीलाम करने के संबंध में बैठक लेने को कहा था और एसीएस ने पहली बैठक भी ले ली है. इसको लेकर सभी विभागों को कबाड़ की लिस्टिंग करने के निर्देश दे दिए हैं. एसीएस की इस बैठक के पश्चात  उद्योग संचालनालय ने अपने सभी सीजीएम व जीएम से कार्यक्षेत्र के विभागों, निगम-मंडलों के अनुपयोगी सामग्रियों की एक सप्ताह के अंदर सारी जानकारी एकत्र करने को कहा है. वही कबाड़ की नीलामी के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी एमएसटीसी यानी मेटल स्क्रैप ट्रेड कार्पोरेशन के साथ अनुबंध भी किया गया है.


इसमें पीडब्ल्यूडी के साथ ही अन्य निर्माण एजेंसियों के पास बरसों पुरानी गाड़ियां व उपकरण जमा हैं. जिसमें पीडब्ल्यूडी के पास 79-80 के रोड रोलर, ट्रैक्टर, जीप, ट्रक के अतिरिक्त फावड़ा हैं, जो अनुपयोगी सामान भी मौजूद हैं. इन सभी एक्जीक्यूटिव इंजीनियरों को सभी अनुपयोगी सामग्रियों की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं. अफसरों का बताया है कि अलग-अलग दफ्तरों में होेने के कारण एक निश्चित राशि बता पाना कठिन कार्य है, परन्तु पीडब्ल्यूडी में ही लाखों का कबाड़ है. ऐसी बहुत सारी सामग्री हैं जो कि विभागों में दशकों पुराने कबाड़ हो चुके इन सामग्रियों की खरीदी का बिल बुक आदि नहीं होने कारण बेचने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है, जानकारी के अनुसार पॉवर जनरेशन कंपनी के 50-50 मेगावॉट के 4 प्लांट बंद हो चुके हैं. राज्य कैबिनेट ने इसे बेचने  के लिए 24 अक्टूबर को मंजूरी दे दी थी. यह प्लांट करीबन 50 साल पुराने थे. इनसे बिजली उत्पादन भी कई साल से बंद हैं. यही बात कि जाए तो यह पुराने डिजाइन की मशीनरी अब किसी उपयोग की नहीं मानी जाती है. पॉवर कंपनी ने भी प्लांट की मशीनरी आदि की सूची तैयार की जा रही है. सरकार इस माध्यम से धनराशि एकत्र करने की कोशिश कर रही हैं ताकि सरकार पर पड़े कर्ज के बोध को कम किया जा सके.

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