पणजी: गोवा कांग्रेस ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली सरकार को लुइस बर्गर रिश्वत मामले में 24 घंटे के अंदर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने में देरी का कारण अमेरिका के न्यू जर्सी की इस कंपनी का भाजपा नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के साथ सौदों को रोक देना है। इस बीच, राज्य पुलिस की अपराध शाखा पानी एवं सीवरेज परियोजना के एक अधिकारी से पूछताछ कर रही है, जिसके लिए कंसल्टेंसी कंपनी ने कथित तौर पर रिश्वत दी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुनील कवाथंकर ने कहा, "हमने गोवा की भाजपा सरकार को प्राथमिकी दर्ज करने तथा मामले की अपराध शाखा द्वारा जांच में तेजी लाने के लिए 24 घंटों का वक्त दिया है। प्राथमिकी दर्ज करने में पहले ही विलंब हो चुका है। यदि गुरुवार तक प्राथमिक दर्ज नहीं की जाती तो हम सड़क पर उतरेंगे और प्रदर्शन करेंगे।" कवाथंकर ने पणजी में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेमल में कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने में विलंब का कारण इस भ्रष्ट कंपनी द्वारा गोवा में वर्तमान सरकार के साथ सौदों को रोक देना है।
लुइस बर्गर के शीर्ष अधिकारी भारत, विएतनाम, इंडोनेशिया तथा कुवैत में ठेकों को सुरक्षित करने के लिए 39 लाख डॉलर रिश्वत देने की बात पहले ही कबूल कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत तथा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व मंत्री चर्चिल अलेमाओ जांच के दायरे में आ सकते हैं। कामत व अलेमाओ ने हालांकि आरोपों का खंडन किया है। लुइस बर्गर एक संघ का हिस्सा है, जिसने गोवा में पानी एवं सीवरेज परियोजना को पूर्ण करने के लिए एक ठेका लिया था, जिसकी फंडिंग जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) कर रही थी।