जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस वाली अशोक गहलोत गवर्नमेंट को 21 महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन इन 21 माह के बीच गहलोत की सरकार ने महिला अत्याचार को लेकर नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार राजस्थान में वर्ष 2019 के बीच महिला अत्याचारों के केस उत्तर प्रदेश के (3131) मुकाबले लगभग दोगुनी (6051) घटित हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इसी को लेकर राज्य की बीजेपी जो कि प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल है के द्वारा 5 अक्टूबर को प्रत्येक जिला स्तर पर हल्ला बोल किया जाने वाला है, जिसके साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन देकर प्रदेश के अपराधों को लेकर शासन की समीक्षा करने का आग्रह कर रहे है बीजेपी के अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने का है कि 5 अक्टूबर को राज्य की सरकार की विफलताओं को लेकर हल्ला बोल कार्यक्रम का आयोजन करने वाले है। उन्होंने बताया है कि अशोक गहलोत सरकार ने महिला अत्याचार के केस में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। इसको लेकर राज्य सरकार की विफलता जनता के सामने रखी जाएगी।
हम प्रदेश की अराजक गहलोत सरकार के विरुद्ध सोमवार 5 अक्टूबर को जिला केंद्रों पर "हल्ला बोल" कर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही राज्यपाल महोदय से राज्य की लचर कानून व्यवस्था की समीक्षा कर हस्तक्षेप को लेकर मांग कर रहे है। विगत 20 माह में अशोक गहलोत के राज में राजस्थान सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में मौजूद होकर अपराधों की राजधानी बन चुका है, महिलाओं के प्रति दरिंदगी बढ़ती जा रही है और अपराधी बेलगाम हो गए हैं, यह मात्र सियासी इलज़ाम नहीं है, इनकी सबकी पुष्टि NCRB के आंकड़े करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की राजनीति करने वाले सीएम अपने ही प्रदेश में गृह मंत्री के नाते अपराधों पर नियंत्रण में पूर्णतया असफल रहे हैं।
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