उज्जैन : टीन के शेड से ढंके पांडाल और पांडालों में श्रद्धा से कदम रखता श्रद्धालुओं का हुजूम। कहीं से आती वेद मंत्रों की आवाज़ तो कहीं होता सद्गुरू और बाबाओं का इंतज़ार। तो कहीं पांडालों में बने अन्न क्षेत्रों में एक साथ भोजन करते श्रद्धालु और श्रद्धा से परोसगारी करते सेवक सभी के मन को श्रद्धा और आस्था से भर देते हैं। इन श्रद्धालुओं में यदि विदेशी पर्यटक और भक्त भी हों तो क्या कहने।
यह दृश्य देखकर आप आश्चर्य से भर जाऐंगे। ऐेसे ही दृश्य इन दिनों मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन नगर उज्जैन में देखने को मिल रहे हैं। जी हां, विभिन्न संतों, साधुओं के पांडालों में दिन का समय अन्न क्षेत्रों में लगने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ का होता है। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से अन्न क्षेत्रों में बना भोजन करते हैं।
भले ही कोई भी हो एक पंक्ति में टाट पट्टी और दरी पर बैठ जाया करते हैं फिर भोजन की प्लेट, पत्तल और दोनों में भोजन की परोसगारी होती है। भोजन करने वालों में विदेशी भक्त भी कम नहीं होते हैं। ये विदेशी भक्त भी सामान्य भक्तों की ही तरह सुखासन की स्थिति में दरी पर बैठ जाते हैं। कुछ विदेश श्रद्धालु अपने साथ डब्बे और प्लेट्स लेकर आते हैं जिसमें वे भोजन ले लेते हैं।
कभी वे दाल - चांवल और आलू की सूखी सब्जियों को मिलाकर भोजन लिया करते हैं तो कभी सब्जी खाने के बाद रोल की हुई रोटी को अपने मुंह में डालते हैं। हां, खाने के लिए ये चम्मच का उपयोग करना नहीं भूलते। गोबर से लीपे हुए अन्नक्षेत्र में दरी पर बैठकर भोजन करना इन्हें भी बड़ा अच्छा लगता है। यहां के धर्म को जानकर ये श्रद्धा से भर जाते हैं।
सिंहस्थ क्षेत्र में कई पांडालों में विदेशी भक्त भोजन करते हैं। इन अन्नक्षेत्रों में भोजन जितना अधिक बनता है उससे अधिक यह बेहद स्वादिष्ट होता है। यहां भोजन करने वाले श्रद्धालु बड़े मजे से भोजन करते हैं कतार -दर कतार श्रद्धालु भोजन करते जाते हैं लेकिन फिर भी अन्न क्षेत्र चलता रहता है।