विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफतौर बताया है कि चाइना के उद्भव से विश्व में कई प्रकार के परिवर्तन हुए है. जिसकी वजह से नए वैश्विक गठबंधन की संभावना भी बन रही हैं. किन्तु देश किसी भी प्रकार के गठबंधन सिस्टम का भाग नहीं बनेगा. जयशंकर के अनुसार एक या दो शक्तियों पर केंद्रित रहने वाली वैश्विक व्यवस्था भी खत्म हो गई है. अब जो नया ढांचा निर्मित हो रहा है, उसमें कई प्रकार की छोटी-बड़ी शक्तियां अपनी भूमिका निभा रही है.
पीपीई किट पहनकर पोते ने किया दादी का अंतिम संस्कार
चाइना के साथ भारत के बहुत तनावपूर्ण रिश्ते बनते जा रहे है. वही, अमेरिका के साथ भारत के गहरे होते रणनीतिक संबंधो के मद्देनजर विदेश मंत्री का यह बयान काफी अहम है। उनके संबोधन से साफ है कि देश भी अपने आपको को एक उभरती ताकत की तरह देख रहा है। सोमवार को माइंडमाइननेक्स्ट कार्यक्रम में भाग लेते हुए विदेश मंत्री ने चाइना के साथ भारत के संबंधो के बारें में चर्चा की है. जिसमें उन्होने दुनियाभर में चीन के बढ़ते दबदबे के संदर्भ में भारत की नीतियों की चर्चा की है.
WhatsApp में भी कर सकते हैं सिक्रेट चैट, नहीं पड़ेगी डिलीट करने की जरूरत
विदित हो कि चीन से भारत के पीछे रह जाने की वजह का भी उन्होने खुलासा किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि मुख्य तौर औद्योगिकीकरण पर ज्यादा ध्यान नहीं देने और कई आधारभूत सुधारों को करने में विलंब से ऐसा हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जब 1988 में चाइना की यात्रा की थी, तब दोनो मुल्कों की इकोनॉमी में कुछ ज्यादा फर्क नही था. किन्तु हमने साधारण आर्थिक सुधार भी चाइना से 15 साल बाद किए. चाइना ने आंतरिक तौर पर मजबूत होने के साथ ही दुनियाभर में भारत ने अपनी स्थिति प्रभावी ढंग से रखी है.
5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस ?
साउथ इंडस्ट्रीस के इस फिल्म प्रोड्यूसर पर लगा रेप का आरोप
वैक्सीन पर गुड न्यूज़ से शेयर बाजार गुलज़ार, सेंसेक्स में 500 अंकों की भारी बढ़त