भिवानी। गांव चरखी की पंचायत ने अपनी फरमान सुनाते हुए पांच परिवारों द्वारा धान की बुआई करने व चार वर्ष पूर्व लिए गए पंचायती फैसले की अवहेलना करने पर उनका हुक्का-पानी बंद कर सामाजिक बहिष्कार किया और धेला जुर्माना भी लगाया गया। इन परिवारों से किसी प्रकार की बोलचाल या व्यवहार रखने वाले पर भी यही जुर्माना लागू होगा।
गांव चरखी काफी निचाई पर स्थित है। वर्षा के दिनों में यहां पर हर बार जलभराव की विकट समस्या बनी रहती है। यहां के ग्रामीणों द्वारा धान की बुआई करने के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती थी। जिसके चलते पंचायत ने पांच वर्ष पूर्व वर्ष 2011 में गांव की सीमा में धान की रोपाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था ताकि समस्या का किसी हद तक समाधान हो सके। इसके बावजूद मुनाफे के चक्कर के गांव के पांच परिवारों ने इस वर्ष भी अपने खेतों में धान की रोपाई की थी। जिसके चलते ग्रामीण लामबंद हो गए।
गांव चरखी के मुख्य चौक पर कर्नल रिसाल सिंह सांगवान की अध्यक्षता में करीब 4 घंटे तक सामूहिक पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में ग्रामीणों ने गांव के पांच परिवारों पर धान की रोपाई करने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि धान की बुआई करने में काफी ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़ती है। इतना ज्यादा पानी इस क्षेत्र में होता भी नहीं है। इसके अलावा पानी के जमाव के कारण आसपास के घरों को भी नुकसान पहुंचता है। जिसके चलते ही पांच वर्ष पूर्व इस पर पाबंदी लगाई गई थी।