जन धन खातों में रुपया डाले जाने पर वित्त मंत्रालय ने बैंकों से मांगी जानकारी
जन धन खातों में रुपया डाले जाने पर वित्त मंत्रालय ने बैंकों से मांगी जानकारी
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नई दिल्ली - जन धन खातों में बैंको द्वारा उन पर इस तरह के खातों की संख्या कम करने का दबाव होने पर एक - दो रुपया डाले जाने का मामला सामने आने पर वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से जीरो बैलेंस जन धन बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी है.

इस बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बैंक इसकी जांच करके बुधवार को रिपोर्ट देंगे. बैंकों को जीरो बैलेंस खातों की संख्या कम करने का कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है. इन खातों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी ) के लिए इस्तेमाल करने का उद्देश्य है.पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा अगस्त 2014 में लॉन्च की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की फाइनैंशल इनक्लूजन योजना के हिस्से के तौर पर देश में प्रत्येक परिवार के पास एक बैंक खाता हो.

अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक परिवार को कवर करने का लक्ष्य तो कैलेंडर वर्ष में ही पूरा कर लिया गया था. ये बचत बैंक खाता हैं जिन्हें जीरो बैलेंस के साथ खोला जा सकता है. अभी तक लगभग 24.27 करोड़ खाते खोले गए हैं और इनमें 42,504.70 करोड़ रुपये का कुल शेष है. इनमें से 24.43 फीसदी खातों में भी अभी जीरो बैलेंस है. अधिकारी ने कहा कि सरकार ने बैंकों को जीरो बैलेंस खातों को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया है.कुछ राज्यों में भ्रम की स्थिति है जिसका पता लगाया जा रहा है.

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