सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने बढ़ते एनपीए के बोझ और घटते मुनाफे से परेशान थे. केंद्र सरकार ने वायदे के अनुसार तकरीबन 23 हजार करोड़ रुपये की पूंजी बढ़ा दी है. वित्त मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 13 बैंको को 22,915 करोड़ रुपये की राशि बतौर पुनर्पूंजीकरण के लिए दी गई है.
सबसे ज्यादा भारतीय स्टेट बैंक को 7575 करोड़ रुपये की राशि दी गई है, जबकि सबसे कम इलाहाबाद बैंक को 44 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. बता दें कि राजग सरकार ने पिछले वर्ष इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत यह एलान किया था कि सरकारी बैंकों को अगले चार वर्षों में 70 हजार करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय खजाने से दी जाएगी.
जारी की गई यह धनराशि दूसरी किस्त है. सरकारी बैंकों को केंद्रीय खजाने से पूंजी देने की परंपरा बीच में बंद हो गई थी लेकिन वर्ष 2009-10 से यूपीए के कार्यकाल में फिर से शुरू की गई. वर्ष 2009-10 से 2015-16 के बीच विभिन्न सरकारी बैंकों को 1.02 लाख करोड़ रुपये की राशि दी गई है.