तिरुवनंतपुरम: केरल एक समय में कोरोना संक्रमण के करीब पचास हजार मरीजों का उपचार करने की व्यवस्था कर रहा है. प्रदेश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है और कोरोना संक्रमण का उपचार करा रहे संक्रमितों की संख्या बीते दो माह में 7 हजार के पार पहुंच गई है. प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बोला है कि विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अगले माह केसों में इजाफा हो सकता है. उन्होंने बोला है कि सरकार जो इलाज कर रही है, उससे ऐसी परिस्थिति से निपटा जा सकता है.
भारत में कोरोना संक्रमण का पहला केस जनवरी में केरल से ही मिला था, इसके बाद प्रदेश ने सफलतापूर्वक कोरोना के प्रसार को रोका गया. दक्षिणी प्रदेश में मई के माह के बाद से कोरोना के मामलों में तेज बढोतरी हुई है, क्योंकि विदेश और भारत के अन्य भागों से हजारों लोग प्रदेश लौटें हैं. हालांकि कोरोना मरीजों का आंकड़ा पड़ोसी प्रदेश तमिलनाडु तथा कर्नाटक की तुलना में कम है, फिर भी केरल किसी भी आपात परिस्थिति के लिए तैयारी में जुट गया है और कोविड देखभाल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में तैयारी कर रहा है.
बता दें की इसमें प्राथमिक पंक्ति उपचार केंद्र (एफएलटीसी) के आंकड़े बढ़ाने और इनके लिए अस्थायी कर्मियों की भर्ती करना शामिल है, ताकि ये केंद्र एक समय पर पचास हजार तक मरीजों का इलाज कर सकें. स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने मीडिया से कहा, " हमारे पास हर जिले में पहले ही दो कोरोना हॉस्पिटल हैं. इसके बाद आंकड़ें बढ़ने पर हमने हर जिले में एक एफएलटीसी खोला है. इस तरह हमारे पास पहले से ही 28 एफएलटीसी हैं. अब हमने इनकी संख्या बढ़ाकर 56 करने का निर्देश दे दिया है.
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