दुनिया से बिदा हुये शायर बेकल उत्साही
दुनिया से बिदा हुये शायर बेकल उत्साही
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नई दिल्ली : देश के सुप्रसिद्ध शायर एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य बेकल उत्साही, इस दुनिया से बिदा हो गये है। 92 वर्ष की उम्र में बेकल ने अंतिम सांस ली। उर्दू भाषी और सर्वधर्म समभाव के प्रतीक बेकल उत्साही की उल्लेखनीय सेवाओं के लिये भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री की उपाधि भी प्रदान की थी। वे न केवल उर्दू में लिखते थे, वहीं हिन्दी में भी उनका वर्चस्व रहा।

उनकी शायरी और गजल ने तो उन्हें देश में तो गौरव दिलाया ही वहीं विदेशों में भी उनकी ख्याती रही है। बेकल उत्साही एक मात्र ऐसे साहित्यकार थे, जिन्होंने धर्म निरपेक्षता के लिये एक नई शैली प्रदान की थी। 1924 में जन्म लेने वाले बेकल ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई थी।

उनकी लिखी पंक्तियां उनके चाहने वालों के जेहन में हमेशा गूंजती रहेगी। उनके निधन पर उर्दू साहित्य के क्षेत्र से जुड़े लोग गमगीन है तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

दर्द को बयां करती थी इनकी शायरी

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