जहांगीरपुरी हिंसा: मुस्लिम भीड़ ने पूरी प्लानिंग के साथ हिन्दुओं पर किया हमला, मीडिया भी झूठा.. पढ़ें 'फैक्ट फाइंडिंग' रिपोर्ट
जहांगीरपुरी हिंसा: मुस्लिम भीड़ ने पूरी प्लानिंग के साथ हिन्दुओं पर किया हमला, मीडिया भी झूठा.. पढ़ें 'फैक्ट फाइंडिंग' रिपोर्ट
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जयंती के पर्व पर हुए हिन्दू विरोधी दंगों को लेकर विशेषज्ञों की एक फैक्ट-फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट सामने आई है। इस कमिटी में सर्वोच्च न्यायालय की वकील मोनिका अरोड़ा, उद्यमी मोनिका अग्रवाल, दिल्ली यूनिवर्सिटी स्थित ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स (IIHE)’ की अस्सिस्टेंट प्रोफेसर दिव्यांशा शर्मा, PGDAV की प्रोफेसर श्रुति मिश्रा और DU के मिरांडा हाउस कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान की अस्सिस्टेंट प्रोफेसर सोनाली चितलकर शामिल थीं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह हिन्दुओं द्वारा निकाली जा रही शोभा यात्रा पर स्थानीय मुस्लिमों ने सुनियोजित तरीके से हमला किया। विगत 20 वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से चली आ रही यात्रा पर न केवल पत्थरबाजी की गई, बल्कि तलवारों और बंदूकों के साथ हिन्दुओं पर हमला किया गया। इस यात्रा का आयोजन ‘विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’ के दिल्ली प्रांत द्वारा किया गया था। यात्रा के रूट और समय-तारीख़ के बारे में स्थानीय पुलिस-प्रशासन को पहले ही जानकारी दे दी गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हिन्दुओं की इस शोभा यात्रा के साथ पुलिस भी मौजूद थी। यात्रा में भक्ति गीत बज रहे थे और साथ में एक झाँकी भी चल रही थी। जहाँ से यात्रा पर हमला हुआ, उस इलाके में जामा मस्जिद है और इसके आसपास मुस्लिमों के घर हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्रा निकलने के कुछ ही देर में कुशल सिनेमा वाली सड़क से मुस्लिम भीड़ ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाती हुई आ गई, जिनके पास कई तरह के हथियार थे। इसी हमले ने एक दंगे का रूप धारण कर लिया। FIR में 6-7 पुलिसकर्मियों के गंभीर रूप से जख्मी होने की बात कही गई है। 

रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने बताया कि उन्हें भाग कर, छिप कर अपनी जान बचानी पड़ी। उनकी गाड़ियों को आग लगा दी गई। कई गाड़ियाँ चुरा ली गईं। रिपोर्ट में ये भी पाया गया है कि छतों पर हमले के लिए पहले से ही पत्थर-बोतल जमा कर लिए गए थे और हनुमान जयंती शोभा यात्रा पर हमले की पूरी साजिश भी पहले ही रच ली गई थी। पत्थरों और पेट्रोल बमों के साथ पल में ही एक बड़ी मुस्लिम भीड़ सामने आ गई। रिपोर्ट में साफ़ बताया गया है कि हिन्दू शोभा यात्रा पर हुए हमले में स्थानीय मुस्लिम और बांग्लादेशी रोहिंग्या भी शामिल थे।

फैक-फाइंडिंग कमिटी ने अपनी जांच में पाया कि स्थानीय मस्जिद पर हमले के कोई प्रमाण नहीं हैं, मगर मीडिया का एक वर्ग बिना तथ्यों के फर्जी ख़बरें फैला रहा है। शोभा यात्रा के दौरान किसी भी मस्जिद के ऊपर कोई झंडा नहीं लगाया गया। हमलावर भीड़ में कई लोग बाहरी भी थे। हमलावरों में बच्चों के शामिल होने को इलाके में बढ़ती कट्टरता का एक उदाहरण करार दिया गया है। ये भी पाया गया कि अवैध अतिक्रमण कर के ग्रीन लैंड पर बने घरों से हमले हुए, जो मस्जिद के इर्द-गिर्द बने हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि, इलाके में कई अवैध दुकानें हैं, अवैध व्यापार के चलते ये अधिक अपराध वाला इलाका बन गया है। पुलिस पर स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद भी आँख मूँदे रहने के आरोप लगे हैं। बताया गया है कि लोग इस इलाके में नहीं जाना चाहते। 

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