बीमारियों से लड़ने की दोहरी परेशानी का सामना कर रहे BSF जवान

बीमारियों से लड़ने की दोहरी परेशानी का सामना कर रहे BSF जवान
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नईदिल्ली। सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मी देश की रक्षा तो जी जान से करते हैं लेकिन ऐसे में इनके स्वास्थ्य का ध्यान न तो ये रख पाते हैं और न ही इनके स्वास्थ्य को लेकर कोई अभियान चलाया जाता है। अक्सर कार्य की लंबी अवधि, सीमा पर तनाव, परिवार से दूर रहने की परिस्थिति, प्रतिकूल मौसम में कार्य करने के ही साथ सुरक्षाकर्मियों को दूसरे कारणों से बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

यह बात कुछ समय पूर्व जारी हुए आंकड़ों को लेकर सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2015 के जनवरी माह और वर्ष 2016 के सितंबर माह के बीच के समय में मरने वाले करीब 774 जवानों में ऐसे केवल 25 सुरक्षाकर्मी ही थी जो कि सीमा पार से होने वाले हमले के दौरान शहीद हुए थे। इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि अधिकांश सुरक्षाकर्मियों को अपने गिरते स्वास्थ्य, दिल का दौरा पड़ने के कारण अपने जीवन से समझौता करना पड़ा।

दूसरी ओर सीमा पर संघर्ष को लेकर यह बात भी सामने आई है कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों को दुश्मनों की गोलियों के ही साथ मोर्टार के गोलों का सामना करना पड़ा था जिसके कारण उनकी जान खतरे में थी। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बीमारियों के चलते 316 कर्मचारियों और दिल का दौरा पड़ने के कारण लगभग 117 कर्मचारियों की मौत हो गई थी।

सेना में और अर्द्धसेनिक बलों के जवानों में एचआईवी एड्स के संक्रमण को भी एक गंभीर परेशानी माना गया है। इतना ही नहीं कई सेनिक मलेरिया रोग से पीड़ित भी थे। सेनिकों को लेकर गंभीरता से सवाल किए गए कि रेल सड़क और मोटरसाइकिल दुर्घना में भी कई जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सेना के लिए यह एक बड़ी परेशानी माना गया है।

कुछ सेनिक तो कैंसर के चलते ही काल का ग्रास बन गए। देश के लिए इनका जीवन बेशकीमती था लेकिन इसके बाद भी इन्हें बचाया नहीं जा सका। बीएसएफ को लेकर एक अध्ययन हुआ जिसमें इस तरह की चिंता जताई गई है। स्वास्थ्य अमले को इस मामले को लेकर गंभीरता बरतने और सेनिकों के बीच जागरूकता लाने के लिए कहा गया है।

मगर फिर भी स्थिति काफी गंभीर और चिंताजनक है। गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल जहां पर पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर कड़ी निगरानी का काम करता है वहीं नक्सलवाद से लड़ने के लिए भी इस दल को तैनात किया जाता है। दूसरी ओर यह दल सीमा पार से होने वाली तस्करी, नशाखोरी, जाली नोटों को लाए जाने को रोकता है।

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