फेसबुक ने अपने रियल नेम पॉलिसी में किये कुछ बदलाव
फेसबुक ने अपने रियल नेम पॉलिसी में किये कुछ बदलाव
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कुछ फेसबुक यूजर्स ऐसे है जो अपने रियल नाम को छोड़कर फेक नाम से फेसबुक प्रोफाइल बनाते है. फेसबुक ने अपने रियल नाम की पॉलिसी में भी कुछ बदलाव किया है. कम्पनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिये इस बात की जानकारी दी है. अब जब भी यूजर्स फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल बनाएंगे तो उन्हें कुछ ऐसे डिटेल भी देनी पड़ेगी जिससे यह पता चल सके की यह प्रोफाइल फेक नही है. फेसबुक ने इसमें LGBT और नॉन वेस्टर्न नेम जैसे फीचर भी जोड़े है.

फेसबुक ने अपने इस फीचर को अमेरिका में लागु कर दिया है. बाकी देशो में भी इसे बहुत जल्दी शुरू किया जायेगा. रियल नेम में बदलाव करने के लिए कम्पनी ने बहुत रिसर्च की है. फेसबुक ने अपने इस फीचर के साथ बाकी कुछ फीचर्स में भी बदलाव किया है. जब भी यूजर्स नए अकाउंट बनाएंगे तो कम्पनी के इम्प्लॉइज अकाउंट वेरिफाई करेंगे.

यूजर्स आसान तरीके से अपना अकाउंट ऑपरेट कर सकते है. अगर कम्पनी को कोई भी डाउट होगा तो कम्पनी यूजर के अकाउंट को इनएक्टिव कर देगी. पहले कम्पनी को फेक अकाउंट के बारे में बताना बहुत आसान था पर अब कम्पनी फेक अकाउंट के बारे में जानकारी भी मांगती है. यूजर को यह भी बताना पड़ेगा कि उन्हें यह अकाउंट फेक क्यों लग रहा है.

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