लॉकडाउन में टीवी और मोबाइल देख रहे हैं आप तो खतरे में है आपका स्वास्थ्य
लॉकडाउन में टीवी और मोबाइल देख रहे हैं आप तो खतरे में है आपका स्वास्थ्य
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इस समय पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है. ऐसे में कई जगहों पर लॉकडाउन हो चुका है और इस खाली समय में खाली समय में घर बैठे-बैठे टीवी- मोबाइल देखने से लोग नयी मुसीबत में फंस रहे हैं. इस नयी मुसीबत का नाम है आंखों में जलन, भारीपन, लाली व आंसू सूखने की शिकायत. इस समय यह काफी बढ़ रही है और सभी को इससे छुटकारा चाहिए. ऐसे में अगर हम नेत्र रोग विशेषज्ञों की सुने तो यह ड्राई आई सिंड्रोम की स्थिति है. जी दरअसल आंखों में लाली कोरोना के प्रमुख लक्षणों में है, इसलिए लोगों में घबराहट व बढ़ी है. वहीँ लोगों के पूरा दिन मोबाइल व टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रहने से यह परेशानी पैदा हुई है और 40 से अधिक आयु वर्ग के लोगों में यह शिकायत ज्यादा है. आप तो जानते ही होंगे कंप्यूटर पर कार्य करने वालों के लिए खतरा 2015-2018 के बीच जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में ड्राई आई सिंड्रोम पर व्यापक रिसर्च हो चुकी है.

जी हाँ और जीएसवीएम में कार्यरत प्रो.आरएन कुशवाहा के मुताबिक, कम्प्यूटर पर कार्य करने वाले व टेनरी में कार्य करने वालों में ड्राई आई सिंड्रोम अधिक था. इनकी संख्या 35 प्रतिशत रही. जी दरअसल कई रिसर्च करने वालों का कहना है 10 घंटे तक प्रयोग कर रहे मोबाइल व टीवी में सामान्य तौर पर आदमी एक मिनट में करीब 12 से 15 बार पलकें झपकाता है. केवल इतना ही नहीं टीवी व मोबाइल देखते समय लोग करीब 3 से 4 बार ही पलक झपकाते हैं. वहीँ पलक नहीं झपकने से बनने वाला तरल पदार्थ पूरी आंख में नहीं फैल पाता है और इससे कार्निया ड्राई होने से खुजली व जलन की शिकायत बढ़ जाती है. इसी के साथ ही मोबाइल की स्क्रीन छोटी होने से आंखों की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है.

इसी वजह से आंखें जल्दी लाल हो जाती हैं. आप इन लॉकडाउन के दिनों में एक समय में आधे घंटे से ज्यादा देर मोबाइल-टीवी न देखें. इस दौरान बीच बीच में पलकें झपकाते रहें. इस दौरान आंख छूने से पहले हाथों को अच्छे से धुलें और आंखों को दोनों हाथों से तीन-पांच मिनट तक बंद रखें. आप इस दौरान मुंह में पानी भरकर आंखों को साफ पानी से धोएं और सिर दर्द, आंखों में जलन और लालिपन होने पर चिकित्सक की सलाह लें. इस दौरान आप बार-बार अपनी आंखों को रगड़े नहीं और गुलाब जल, ओले-बर्फ से पिघला पानी न डालें . हो सके तो चिकित्सक से पूछे बिना एंटीबायोटिक ड्राप न लें और समस्या होने पर नेत्र सर्जन से सलाह लें.

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