नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने हाल ही में दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों से कहा कि, 'वे विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के खिलाफ कार्रवाई करें.' केवल यही नहीं उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि इस काम में अमेरिका उनको समर्थन देने का कार्य करेगा. जी दरअसल, पोम्पिओ ने बीते गुरुवार को दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से इस बारे में बात की. वहीँ इस संगठन के चार सदस्य - फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के साथ बहुत लंबी अवधि से इस व्यस्ततम जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हुए नजर आ रहे हैं जिसके समूचे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता आया है.
वहीँ अगर एक वेबसाइट के रिपोर्ट को माने तो अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर कोई दावा नहीं करता लेकिन ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे. जी दरअसल इस सैन्य निर्माण में हवाई क्षेत्र बनाना और प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ) के ऊपर बनाए गए द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित करना शामिल है. जिसके बाद इसे लेकर भय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने आ सकता है..
वहीँ पोम्पिओ ने 10 राष्ट्रों वाले संगठन के शीर्ष राजनयिकों से कहा कि 'मेरे विचार में आगे बढ़ते रहिए, बस बातें मत करिए कार्रवाई करिए.' इसके अलावा विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा कि 'उन्होंने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया.' पोम्पिओ का कहना है कि 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को हमपर और हमारे लोगों पर भारी नहीं पड़ने दें. आपमें आत्मविश्वास होना चाहिए और अमेरिका आपकी दोस्त की तरह मदद करने के लिए यहां है.'
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