मुंबई: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन दिनों तेजी से चर्चाओं का हिस्सा बने हुए हैं. आप जानते ही होंगे उनकी लड़ाई इन दिनों कंगना से चल रही है. दोनों के बीच जुबानी जंग जारी है. ऐसे में हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि, 'मराठा समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार एक क्षण के लिए भी पीछे नहीं हटेगी.'
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'यह लड़ाई हम सब के लिए है. समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमलोग कुछ भी करेंगे. इस बारे में हमें कोई सलाह मिलेगी तो हमलोग इसपर विचार करेंगे. विपक्षी नेताओं के सामने भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा. हमारी सरकार शुरू से ही इस विषय को लेकर काफी गंभीर रही है और मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध रही है.' उन्होंने कहा कि, 'अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए अगर कोई मराठा समुदाय को उकसाने या उत्तेजित करने का काम करता है तो उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
जी दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाले साल 2018 के महाराष्ट्र सरकार के कानून पर रोक लगा दी थी. उसी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते गुरुवार को इस संबंध में समीक्षा बैठक कर बात की जहाँ यह सब बातें हुईं. जी दरअसल इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मराठा कोटा पर राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के प्रमुख अशोक चव्हाण और उपसमिति के सदस्यों बालासाहेब थोराट, एकनाथ शिंदे, दिलीप वाल्से पाटिल, विजय वडेट्टीवार और अनिल परब शामिल हुए थे. वहीँ लोक निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चव्हाण का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 'वर्षा' पर बीते गुरुवार को बैठक हुई. इस बैठक में सरकार के समक्ष उपलब्ध कानूनी विकल्पों पर विचार हुआ.
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