मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है। इस दिन प्रभु श्री विष्णु और शिव की पूजा की जायेगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी शुक्रवार को प्रातः 7: 23 बजे से शुरू होगी तथा 10 फरवरी को अहले सुबह 4: 28 बजे समाप्त होगी। इस व्रत में व्रती को मौन धारण करते हुए दिनभर मुनियों सा आचरण करना चाहिए। इस वजह यह अमावस्या मौनी अमावस्या के रूप में जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान कर तिल, लड्डू व तेल दान करना चाहिए। वहीं माघ माह में आने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन व्रत रखने का खास महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही पितृ दोष, कालसर्प दोष (कालसर्प दोष उपाय) से मुक्ति पाने के लिए भी यह शुभ दिन है।
पूजा- विधि
प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत ज्यादा होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
यदि आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण तथा दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
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