मलमास में भूलकर भी ना करें तुलसी से जुड़ी ये 6 गलतियां
मलमास में भूलकर भी ना करें तुलसी से जुड़ी ये 6 गलतियां
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चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक 3 वर्षों पर एक ज्यादा माह जुड़ता है, वही मलमास या अधिकमास कहलाता है। वर्ष में जुड़ने वाले ज्यादा माह को मलीन माना जाता है, इसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, इसलिए इसे मलमास कहते हैं। मलमास के ​अधिपति देव भगवान पुरुषोत्तम यानि श्रीहरि विष्णु हैं, इसलिए मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस वर्ष हिंदू कैलेंडर में मलमास के जुड़ने से वर्ष में 13 महीने होंगे। यह मलमास श्रावण माह में जुड़ रहा है, जिसके कारण सावन का महीना 59 दिनों का हो गया है। श्रावण की अमावस्या 17 जुलाई सोमवार को है। यह सोमवती अमावस्या है। उसके अगले दिन यानि 18 जुलाई से मलमास की शुरूआत होगी। 18 जुलाई को मलमास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा ति​थि होगी।

मलमास में तुलसी से जुड़ी 6 गलतियां नहीं करनी चाहिए:-
* अगर आप शाम के वक़्त तुलसी की पूजा करते हैं तो इसके पौधे को स्पर्श बिल्कुल न करें। इससे भी देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
* ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी पूजन के वक़्त महिलाओं को बाल खुले नहीं रखने चाहिए। तुलसी पूजा के वक़्त बालों को बांधकर रखें।
* अगर आप पूजा के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ा चाहते हैं तो इन्हें नाखून से दबाकर झटके से न तोड़ें। इन्हें बड़ी कोमलता के साथ तोड़ें।
* कुछ लोग तुलसी को चुनरी ओढ़ाने के पश्चात् उसे बदलते नहीं हैं, जबकि अन्य देवी-देवताओं की तरह तुलसी के वस्त्र भी बदलने चाहिए।
* तुलसी में जल अर्पित करने के पश्चात् परिक्रमा करना न भूलें। तुलसी में जल देने के बाद कम से कम उसकी 3 बार परिक्रमा अवश्य करें।
* तुलसी को कभी एकादशी या रविवार के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए। कहते हैं कि इस दिन तुलसी का उपवास होता है।

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