नई दिल्ली : अब तक तो दीवारों के कान ही हुआ करते थे लेकिन अब से दीवारों की आंखें भी होने लगेंगी। जी हां, दीवार के आर - पार होने वाली गतिविधियों को दीव्यचक्षुओं से देखा जा सकेगा। दरअसल रक्षा वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रडार प्रणीली विकसित की है जो कि दीवार के पार देखने में सहायता करेगी।
इस तरह का रडार विकसित किया गया है जो दीवार के पार देखा जा सकता है। देश के प्रमुख सरकारी संस्थान डीआरडीओ के बेंगलुरू स्थित इलेक्ट्राॅनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट एस्टोक्ब्शमेंट में इसका परीक्षण किया जा रहा है।
परियोजना को लेकर जो वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं वे अधिक जानकारी तो नहीं दे रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि इस रडार तकनीक से ऐसी दीवार जिसकी मोटाई 20 से 30 सेंटीमीटर तक हो उसके आरपार का कोई भी दृश्य देखा जा सकता है। यदि यह रडार तकनीक प्रयोग में लाई जाती है तो इससे पठानकोट में हुए आतंकी हमलों जैसे आॅपरेशन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। यही नहीं इससे किसी भी आतंकी आॅपरेशन की रोकथाम भी की जा सकती है।