चीन में तलाक को महिलाओं की तरक्की का संकेत माना
चीन में तलाक को महिलाओं की तरक्की का संकेत माना
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बीजिंग : चीन में नागरिक मामलो के मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में तलाक की दर वर्ष 2003 के बाद से काफी बढ गई है और पिछले साल 30 लाख से ज्यादा दंपतियों की शादियां टूट चुकी हैं. रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 में चीन में करीब 36 लाख से ज्यादा शादियों का तलाक हुआ व वहा तलाक की दर 2.7 प्रति हजार रही पिछले साल यह दर करीब 2.6 प्रति हजार थी. चीन की इस स्थिति के बारे में विशेषज्ञों का सैद्धांतिक तौर पर मानना है कि यह विश्व की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश में नारीवाद के उत्थान और महिलाओं की सामाजिक प्रगति का प्रतीक है. जो महिलाओ के आत्मविश्वास में पुरुषों के मुकाबले और अधिक संवेदनशील है । 

नागरिक मामलों के मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 में 36 लाख से ज्यादा दंपतियों का तलाक हुआ और तलाक की दर 2.7 प्रति हजार रही. इससे पिछले साल यह दर 2.6 प्रति हजार थी. सेंट्रल चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी में सेक्सोलॉजी के प्रोफेसर पेंग शियाओहुई ने कहा,' तलाक की बढती दर दिखाती है कि अब ज्यादा महिलाओं ने अपने समानता के अधिकार के लिए आवाज उठाना शुरु कर दिया है. यह सामाजिक प्रगति का प्रतीक है खबर के अनुसार पेंग ने कहा कि शादी एक ऐसी सामाजिक शर्त रही है, जिसमें पुरुष का वर्चस्व रहा है. समाज तब प्रगति करता है, जब महिलायें शादी के बाहर खुश रह पाती हैं या जब वे अपने बच्चे खुद पालती हैं और उन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना पडता. खबर के अनुसार, शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में तलाक की दर सबसे ज्यादा यानी 4.61 प्रति हजार है. इसके बाद पूर्वोत्तर चीन के हीलोंगजियांग और जिलिन प्रांतों का स्थान है. जो इसी श्रेणी में आते है ।

शिनजियांग एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में प्रोफेसर ली शियाओशिया ने कहा कि वर्ष 2012 में शादी करने वाले 10 लाख दंपतियों में से 2.6 लाख दंपतियों का तलाक हो चुका है.  तलाक लेने वाले अधिकतर दंपतियों में उइगर लोग हैं, जो कि अपने धार्मिक मतों से प्रभावित हैं. उनके ये धार्मिक मत एक पति को कई पत्नियां रखने की इजाजत देते हैं । ली ने कहा कि शिनजियांग की स्थानीय संस्कृति तलाकशुदा महिलाओं के प्रति ज्यादा सहिष्णुता और सहयोग दर्शाती है. वे आसानी से दोबारा शादी कर सकती हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शांक्सी प्रांत की तलाक दर 0.18 प्रति हजार है. यह दर पूरे देश में सबसे कम है.  पहले लोग तलाक को अपमानजनक मानते थे. अब लोग शादी को अपने माता-पिता के नजरिए से कुछ अलग तरीके से देखते हैं. वे यह बात नहीं मानते कि तलाक एक गलत फैसला है.' वी ने कहा कि तलाक के लिए अर्जी देने वाले अधिकतर लोगों के ऐसा करने की मूल वजह व्यक्तित्वों का टकराव, माता-पिता का दखल और विवाहेतर संबंध होते हैं. चीन में लगभग 1.4 अरब की जनसंख्या है. इस तरह से वहा की महिलाओं की इस रिपोर्ट से यह तो साबित हो गया है की अब चीन में भी महिलाओं ने पुरुषों की ज्यादतियों को नकारा है ।

 

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