स्मार्ट सिटीज वितरण में विसंगति उत्तरप्रदेश को 13 बिहार को मात्र 3
स्मार्ट सिटीज वितरण में विसंगति उत्तरप्रदेश को 13 बिहार को मात्र 3
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दिल्ली: केंद्र सरकार गुरुवार को शहरी विकास की दो बड़ी योजनाओं ‘स्मार्ट सिटी’ और ‘अमृत’ की औपचारिक शुरुआत करने जा रही है । उससे पहले मीडिया को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार स्मार्ट सिटी बनाने हेतु कुल 100 में से करीब 75 का राज्यवार कोटा तय कर लिया गया है । प्राप्त सूची के अनुसार उत्तरप्रदेश के सबसे अधिक 13 शहर स्मार्ट बनाए जायेंगे । जबकि जनसंख्या के लिहाज से देश के तीसरे सबसे बड़े राज्य बिहार को मात्र 3 शहरों का कोटा दिया गया है । अर्थात सरकार ने जैसा पहले कहा था कि राज्यों की जनसंख्या के अनुपात में उनके स्मार्ट शहरों की संख्या तय की जाएगी; वैसा किया नहीं गया है । 500 शहरों वाली अमृत योजना के मामले में भी ऐसी ही विसंगतियाँ हैं ।

इस मामले में तमिलनाडू पर सरकार सबसे अधिक मेहरबान प्रतीत होती है । इसे जनसंख्या के लिहाज से छठे नंबर पर होने के बावजूद, उत्तरप्रदेश से मात्र एक कम यानि 12 शहरों का कोटा मिल गया है । करीब 11 करोड़ की जनसंख्या वाले बिहार के केवल 3 शहर स्मार्ट बन पाएंगे जबकि मात्र 6 करोड़ वाले गुजरात व कर्नाटक के 6-6 शहरों को यह अवसर दिया गया है । 20 करोड़ की जनसंख्या वाले यूपी को 13 शहर, 11.5 करोड़ वाले महाराष्ट्र को 10 शहर और 7.5 करोड़ वाले म.प्र. को 7 शहर का कोटा मिला है जो ठीक ही है । किन्तु बिहार व आंध्रप्रदेश को 3-3, प. बंगाल व राजस्थान को 4-4, उड़ीसा व छत्तीसगड को 2-2 एवं झारखंड, केरल, जम्मू-कश्मीर, असम व उत्तराखंड को मात्र 1 ही स्मार्ट सिटी से संतुष्ट करने का विचार है ।

कुल मिलाकर देखें तो कुल 12 राज्यों में ही 70% शहरों के कोटे का बँटवारा हो गया है और इन 12 में से 8 राज्य भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्य हैं । जिन 4 राज्यों में अन्य गैर-सहयोगी दलों की सरकारें हैं उन्हें कम ही कोटा मिला है । अब देखना होगा कि ऐसी विसंगतियों पर विपक्षी दल क्या रुख अपनाते हैं ।

हो सकता है कि गुरुवार को जब प्रधानमंत्री मोदी स्मार्ट सिटी व अमृत दोनों योजनाओं का शुभारंभ (लांचिंग) करें तो इसका कुछ स्पष्टीकरण भी दें या यह बताए कि अब शेष बचे स्थानों में जिन राज्यों को कम कोटा मिला है, उन्हें अब अधिक स्थान देकर इस वितरण को संतुलित किया जाएगा । इसलिए कल (25 जून को) उनका वक्तव्य महत्वपूर्ण रहेगा । उसमें स्मार्ट सिटी के बजट संबंधी कुछ बड़े प्रश्नों के उत्तर मिलने की भी संभावना है ।   

   

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