इन दिनों बोल बम के जयकारों से पचमढ़ी की वादियां गूंज रही है.सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों में पचमढ़ी की वादियां को रानी तरह देखा जाता है. ये वादिया इस समय बोल बम के जयकारों से गूंज रही हैं.त्रिशूल लिए हजारों श्रद्धालुओं में चौरागढ़ पहुंचने की धुन है. मप्र के होशंगाबाद जिले के अतंर्गत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में चौरागढ़ महादेव मंदिर मौजूद है, जहां महाशिवरात्रि तक चलने वाले आठ दिनी मेले के दौरान आसपास के जिलों सहित नजदीकी प्रदेशों से करीब छह लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को पहुंचते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महाशिवरात्रि के दिन यहां अपार जनसमूह उमड़ेग. मन्नत पूरी होने पर एक इंच आकार से लेकर दो क्विंटल तक वजनी त्रिशूल बाबा को अर्पित किए जाते हैं. पुजारी बाबा गरीबदास बताते हैं कि चौरागढ़ महादेव की मान्यता को लेकर अनेक कथाएं हैं.
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एक कथा यह भी है कि भस्मासुर को वरदान देने के बाद भगवान शिव ने यहां निवास किया था. चौरागढ़ में आदिवासियों की प्राचीन बसाहट रही है. चौरागढ़ मेला के नोडल अधिकारी जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह ने बताया कि अब तक 50 हजार से अधिक त्रिशूल भेंट हो चुके हैं. महाशिवरात्रि पर यह संख्या कई गुणा बढ़ जाएगी.
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