संविधान में संशोधन से DU की संबद्धता पर पड़ सकता प्रभाव
संविधान में संशोधन से DU की संबद्धता पर पड़ सकता प्रभाव
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नई दिल्ली : प्राचार्य और चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया को अधिक पॉवर देने के लिए सेंट स्टीफन्स महाविद्यालय के 102 साल पुराने संविधान में संशोधन करने के किसी भी प्रयास से दिल्ली विश्वविद्यालय से उसकी संबद्धता पर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि यह विश्वविद्यालय के नियमो का उल्लंघन होगा.

सूत्रों की माने तो अगर विश्वविद्यालय ने इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय की मान्यता रद्द कर दी तो उससे उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से प्राप्त होने वाला कोष समाप्त हो जाएगा. अभी यह इस संस्थान को 95 फीसदी वित्त प्रदान कर रहा है. शेष राशि CNI नियंत्रत सेंट स्टीफन्स ट्रस्ट से आ रही है.

बता दे की महाविद्यालय के प्राचार्य वाल्सन थंपू अगले वर्ष फरवरी में अवकाश ग्रहण कर रहे हैं और उन्होंने एक मसौदा संशोधन वितरित किया है जिसमें उन्होंने प्रस्ताव किया है कि संचालन मंडल का चाहे जो भी मत हो, प्राचार्य को छात्रों या स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्राधिकृत किया जाए. थंपू ने महाविद्यालय के काम-काज में CNI को अधिक दखल देने का भी आह्वान किया है. उसे संकाय नियुक्तियों और सुप्रीम काउंसिल में प्रवेश तथा संचालन मंडल की संरचना का अधिकार देने की बात कही है.

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