'औरतें गाली दे रही थीं, दंगाइयों के हाथों में थी तलवारें..', जहांगीरपुरी हिंसा का शिकार हुए ASI ने बताई हकीकत
'औरतें गाली दे रही थीं, दंगाइयों के हाथों में थी तलवारें..', जहांगीरपुरी हिंसा का शिकार हुए ASI ने बताई हकीकत
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। इन्हीं पुलिसकर्मियों में ASI अरुण कुमार भी शामिल थे। हिंसा के दौरान उनके पाँव और कंधे में चोट आई है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया है कि वह उस दृश्य को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बताया कि वह शुरू से शोभा यात्रा के साथ चल रहे थे। उनकी गाड़ी उस गाड़ी के पीछे थी जिसमें प्रतिमा रखी गई थीं। 

ASI ने बताया कि जैसे ही वो कुशल चौक पहुँचे। सैकड़ों की भीड़ अचानक जुलूस के पास आने लगी। उन्होंने बताया कि, 'शब्द उस दृश्य को नहीं बयान कर सकते हैं, जो मैंने उस दिन देखा। हर जगह हल्ला था। लोग पत्थर फेंक रहे हैं। गाली-गलौच कर रहे हैं। हमने स्थिति को संभालना चाही, मगर किसी ने हमारी नहीं सुनी।' ASI अरुण कुमार बताते हैं कि कैसे उस भीड़ में लोगों के हाथों में तलवारें थीं, चाकू थे, पत्थर थे और बोतलें थीं। वे लोग कार जलाने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस उन्हें रोक रही थी। स्थिति शांत करने की कोशिशें हो रही थी। लेकिन, तभी एक पत्थर ASI पर आकर गिरा। मॉडल टाउन के रहने वाले ASI अरुण कुमार ने मीडिया से बात करते हुए यह बातें कहीं। 

ASI ने अपनी चोटें दिखाते हुए बताया कि कैसे हनुमान जन्मोत्सव पर जुलूस शांति से निकल रहे थे। उस जुलूस में उनकी गाड़ी सबसे पीछे थी। तभी वहाँ लोगों ने बवाल करना शुरू कर दिया। स्थिति देख वह समझ चुके थे कि अब कुछ बड़ा होने वाला है। उन्होंने तुरंत हालातों के बारे में आगे जानकारी दी और मौके पर अधिक पुलिस बल तैनात करने के लिए कहा। ASI के मुताबिक, वह भी गाड़ी से उतरकर स्थिति संभालने की कोशिश करने लगे थे, मगर दंगाई इतने जमा हो गए कि कुछ रोका नहीं जा पा रहा था। कुछ बच्चों को बुलाकर गाड़ियाँ हटवाई गई। कुछ पड़ी रह गई। सब तोड़-फोड़ कर रहे थे। आग लगाई जा रही थी। ASI कहते हैं, 'मैं गाड़ी की आग बुझा रहा था, इसी बीच मेरे कंधे पर आकर एक बड़ा ईंट गिरा।'

उन्होंने हालातों को देखते हुए कहा कि शोभा यात्रा पर जिस प्रकार हमला हुआ, वो बिन योजना के असंभव था। ASI अरुण उस दावे को भी खारिज करते हैं जिसमें कहा जा रहा था कि शोभा यात्रा में भड़काऊ नारेबाजी हुई जिससे दंगा भड़का। उन्होंने बताया कि हिंसा में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए। कइयों को पत्थर लगा, एक को गोली भी लगी, किसी के हाथ में चाकू से मारा गया। उन्होंने बताया कि वहां पर इतना पथराव हो रहा था कि खड़े होने की जगह तक नहीं थी। उन्होंने बताया कि कैसे शोभा यात्रा के गुजरते वक़्त गाली-गलौच करने वालों में महिलाएँ अधिक थीं। उनके मुताबिक, वह लोग जैसे ही सी ब्लॉक से बाहर निकले वैसे ही उन पर पथराव शुरू हो गया। दंगाइयों के हाथों में लाठी, तलवार, सरिया सब कुछ था। वो लोग इतना पत्थर और ईंट मार रहे थे कि लोग अपनी गाड़ियाँ छोड़कर भाग रहे थे। 

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