'भाजपा को सत्ता में नहीं आना चाहिए, मोदी को रोकना ही होगा..', पूर्व पाकिस्तानी मंत्री ने फिर किया राहुल गांधी का समर्थन

'भाजपा को सत्ता में नहीं आना चाहिए, मोदी को रोकना ही होगा..', पूर्व पाकिस्तानी मंत्री ने फिर किया राहुल गांधी का समर्थन
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नई दिल्ली: 2 मई को एक भारतीय न्यूज़ चैनल से बात करते हुए, पूर्व पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने 2024 के मौजूदा चुनावों में विपक्ष को समर्थन दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने से रोकना जरूरी है। 

दरअसल, रिपोर्टर ने चौधरी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में एक्स पर किए गए पोस्ट के बारे में सवाल किया। इस पर फवाद चौधरी  ने कहा कि, ''भारत में चल रहे चुनावों में जो भी कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ बात करता है, वह सही है। मेरा मानना है कि राहुल गांधी ने भारत की वर्तमान स्थिति को बहुत अच्छे से प्रस्तुत किया है। अधिकारों की बात करना सही है, चाहे वह भारत में हो या पाकिस्तान में। राहुल गांधी ने गरीब और अमीर के बीच बढ़ते अंतर को समझाया। भारत में गरीब पर किसी का ध्यान नहीं हैं और तीन अरबपति देश में उग्रवाद बेच रहे हैं।”

 

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी को प्रमोट कर रहे हैं, तो इमरान खान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने कहा कि, ''मैं हर उस व्यक्ति को प्रमोट करूंगा, जो सही बात कहेगा। चाहे वह राहुल गांधी हों या कोई और।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत में चल रहे चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं, तो फवाद चौधरी ने खुद को उदारवादी के रूप में पेश करने की कोशिश की और कहा, “मैं खुद को ज़्यादा नहीं आंकता। चुनाव में हस्तक्षेप करने की मेरी कोई स्थिति नहीं है।”

इसके बाद जब उनसे पुछा गया कि क्या वह राहुल गांधी को पीएम बनते देखना चाहते हैं, तो चौधरी ने कहा कि, “मुझे लगता है कि इस वक़्त भाजपा को वापस नहीं आना चाहिए। मोदी को रोकना जरूरी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके बाद कौन आता है।” फवाद चौधरी ने उसी चैनल पर एक डिबेट में भी भाग लिया। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें भारतीय राजनीति और भारतीय चुनावों में इतनी दिलचस्पी क्यों है, तो फवाद ने कहा, ''हम एक उपमहाद्वीप में रहते हैं। प्रत्येक देश की नीतियों का क्षेत्र के अन्य देशों पर प्रभाव पड़ता है। मेरा मानना है कि मोदी की नीतियों ने क्षेत्र में शांति को नुकसान पहुंचाया है।''

पाकिस्तान द्वारा राहुल गांधी को समर्थन :-

बता दें कि 2 मई को पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद अहमद हुसैन चौधरी ने राम मंदिर पर राहुल गांधी द्वारा हमला किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उनकी तारीफ की थी। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला था। पीएम मोदी ने कहा था कि, ''दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस यहां मर रही है और पाकिस्तान वहां रो रहा है। आपने सुना होगा कि अब पाकिस्तानी नेता (फवाद चौधरी) कांग्रेस के लिए दुआ कर रहे हैं। पाकिस्तान "शहजादा" (राहुल गांधी) को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्सुक है। आपने कल देखा ही होगा। हम पहले से ही जानते हैं कि कांग्रेस को पाकिस्तान पसंद है और पाकिस्तान को कांग्रेस। गुजरात के आनंद में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा कि, ''दोनों के बीच गठबंधन पूरी तरह से उजागर हो गया है।''

पीएम मोदी ने जनसभा में कहा था कि, “भाइयों और बहनों, देश के दुश्मन (पाकिस्तान), भारत में मजबूत सरकार नहीं चाहते हैं। वे एक कमज़ोर प्रशासन चाहते हैं, जैसा कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान था, जो आतंकी हमलों के बाद दस्तावेज़ भेजते थे। देश के दुश्मन 2014 से पहले जैसी भ्रष्ट और अस्थिर सरकार चाहते हैं। मोदी का मजबूत प्रशासन न झुकता है, न पीछे हटता है। इसीलिए दुनिया कह रही है कि भारत ही अपने विकास को गति दे सकता है।” 

उल्लेखनीय है कि, इससे पहले  1 मई को, पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन किया था, जब राहुल ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पर प्रहार किया था। चौधरी ने राहुल गांधी का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि, ''राहुल ऑन फायर।'' बता दें कि,। ये वही फवाद चौधरी हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की संसद में कहा था कि, हमने ही पुलवामा हुम्ला करवाया और हमें उसपर गर्व है, जबकि कुछ कांग्रेस नेता और समर्थक, इस हमले को भाजपा द्वारा कराए जाने का दावा करते हैं। उनका कहना है कि, भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए पुलवामा हमला करवाया, जबकि आज राहुल गांधी को समर्थन देने वाले फवाद 2020 में ही ये मान लिया था, की पुलवामा हमला पाकिस्तान ने ही करवाया।  

 

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने एक कांग्रेस समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट का वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम से राहुल गांधी ने दावा किया था कि चूंकि अमिताभ बच्चन, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देखा गया था, इसलिए पीएम मोदी देश के शीर्ष 10-15 लोगों के लिए काम कर रहे थे और सार्वजनिक महत्व के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए काम कर रहे थे। संक्षेप में, राहुल गांधी ने यह संकेत देने की कोशिश की कि लगभग 500 वर्षों की पीड़ादायक प्रतीक्षा के बाद भगवान राम की अपने जन्मस्थान पर वापसी का कोई महत्व नहीं था, ये जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया गया था।

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