पूर्व मुख्यमंत्री बेअंतसिंह के कारण खत्म हुई खालिस्तान की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंतसिंह के कारण खत्म हुई खालिस्तान की मांग
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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार के लिए अपने जीवन का सबसे खतरनाक आॅपरेशन पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह की हत्या के मास्टरमाईंड का पकड़ना उनके जीवन का सबसे खतरनाक अभियान कहा गया है। समाचार एजेंसी के साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे उम्मीद जता रहे हैं कि अंदर जो व्यक्ति था उसके हाथ में क्लाशनिकोव राइफल थी। यह बहुत ही आश्चर्य की बात है।

उन्होंने कहा कि जब लंबे कद के पगड़ी वाले सिख युवक को कुर्सी पर बैठे देखा तो वह बेहद आश्चर्य की बात रही। उनका कहना था कि एक दूसरा सिख बेहद आराम से बैठा था और उसने पगड़ी भी नहीं पहन रखी थी। पगड़ी वाले व्यक्ति द्वारा यह स्वीकार कर लिया गया कि वह एक तारा है। यह घटना चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के केवल कुछ सप्ताह बाद ही हुई।

उन्होंने 1995 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि बेअंत सिंह ऐसे समय में पंजाब के मुख्यमंत्री रहे जब राज्य में आतंकवाद गहरा रहा था। राज्य में अलग खालिस्तान की मांग उठ रही थी। पंजाब के मुख्यमंत्री बनने पर बेअंत सिंह की मृत्यु का देश पर बहुत ही विपरीत असर पड़ा। सत्ता संभालने पर सुरक्षा बलों ने हिंसा की कहानी को समाप्त कर दिया। 

दरअसल नीरज कुमार ने अपने उस समय की बात याद करते हुए उनके केंद्रीय जांच ब्यूरो में किए गए काम को याद किया। उन्होंने कहा कि उन कठिन प्रसंगों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बेअंत सिंह के सत्ता संभालने पर सुरक्षा बलों को अपना कार्य करने का अवसर मिला और हिंसा की कहानी समाप्त हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि जगतार सिंह तारा को याद करना उनके लिए बहुत मुश्किल था। 

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