कॉमनवेल्थ गेम्स-2010 से जुड़े स्ट्रीट लाइट घोटाले में बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने छह दोषियों को सजा सुनाई है. कोर्ट ने एमसीडी के चार कर्मचारियों एवं निजी कंपनी के एक अफसर को चार-चार साल की सजा सुनाई है. वहीं कंपनी के एक प्रबंध निर्देशक को छह साल सश्रम कैद की सजा भी सुनाई गई है. यह पहली घटना है जब कोर्ट ने कॉमनवेल्थ घोटाले से जुड़े मामले में दोषियों को सजा सुनाई है. सीबीआई के स्पेशल जज ब्रिजेश गर्ग ने दोषियों को सजा सुनाई. उन्होंने तत्कालीन अधीक्षण अभियंता डी के सुगन, कार्यकारी अभियंता ओपी मोहला, एकाउंटेंट राजू वी, क्लर्क गुरचरण सिंह एवं निजी कंपनी स्वेका पॉवरटेक इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जेपी सिंह को चार-चार साल जेल की सजा सुनाई है.
वहीं इसी कंपनी के प्रबंध निदेशक टीपी सिंह को छह साल की सजा के आदेश दिए है. इन सभी को धोखाधड़ी, जालसाजी एवं भ्रष्टाचार अधिनियम भिन्न भिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है. फैसला सुनाते हुए जज ने कड़े स्वरों में कहा, यह बेहद ही गंभीर प्रकृति का मामला है. सरकारी पदों पर तैनाती के दौरान अभियुक्तों ने एक आपराधिक साजिश रची है. इस घोटाले के द्वारा दोषियों ने दिल्ली सरकार व एमसीडी को लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है. अभियुक्तों ने फर्जी निविदा दस्तावेज,मूल्यवान सुरक्षा राशि और निविदा रजिस्टर भी तैयार किए है.