रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं. कामयाबी के लिए क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी चीज में पुरुषार्थ के साथ किस्मत का रोल भी होता है. रोहित शर्मा को भी इस बात का अहसास अब भली भांति हो ही गया है.
रोहित ने उतार चढ़ाव खूब देखे. 2011 में भारत की वन डे विश्व कप टीम में स्थान न पाने और उसके बाद 2012 में वन डे में पांच पारियों में केवल 15 रन बनाने के बाद टीम से बाहर होने का दर्द रोहित ने झेला. रोहित ने घरेलू क्रिकेट में उतर कर लंबी पारियां खेली. उन्हें क्रिकेट जगत में हिटमैन के नाम से जाना जाता है. रोहित एकलौते ऐसे बल्लेबाज है जो वनडे क्रिकेट में दो बार दोहरा शतक लगा चुके है. वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा व्यग्तिगत स्कोर (264 रन) उनके नाम है.
उनका जन्म 30 अप्रैल, 1987 को नागपुर में हुआ था. रोहित ने घरेलू क्रिकेट में उतर कर लंबी पारियां खेली. रोहित ने अपने टेस्ट करियर का आगाज कोलकाता के ईडन गार्डन में सेंचुरी लगा कर किया. रोहित भारत के टेस्ट इतिहास में सेंचुरी से आगाज करने वाले 14वें बल्लेबाज बन गए.
उनसे पहले अपने टेस्ट करियर का आगाज सेंचुरी के साथ शिखर धवन (187) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था. रोहित (177) टेस्ट करियर का आगाज कर सेंचुरी के साथ करने में रन बनाने में धवन के बाद दूसरे नंबर पर हैं. रोहित के पास इससे पहले 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उनकी जन्मस्थली नागपुर में अपने टेस्ट करियर के आगाज का मौका मिला था.
बदकिस्मती से इस टेस्ट की सुबह रोहित वार्मअप सेशन में रिद्बिमान साहा से टकरा कर चोट खाकर बाहर हो गए थे. लम्बे इंतजार के बाद टेस्ट क्रिकेट में स्थान पाने में रोहित, ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी को प्रेरणा मानते हैं. हसी ने 30 बरस की उम्र में टेस्ट करियर का आगाज सेंचुरी जड़ कर किया.
उन्हीं से प्रेरणा पाकर रोहित ने कोलकाता में करियर के अपने पहले ही टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ सेंचुरी ठोकी. अपने मुंबई में सीरीज के दूसरे व आखिरी टेस्ट में कामयाबी के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए रोहित ने सेंचुरी जड़ बता दिया कि आने वाला कल उनका है.
सन्दर्भ -
सच तो यह है फटाफट क्रिकेट और दनादन क्रिकेट पॉप संगीत की तरह है. शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल करने के लिए जरूरत होती है साधना और धैर्य की. ठीक वैसे ही टेस्ट क्रिकेट में कामयाबी के लिए जरूरी है एकाग्रता और धैर्य से क्रीज पर टिकना. इस बात का अहसास भारतीय क्रिकेट के युवा तुर्क रोहित शर्मा को भी वक्त ने करा दिया.
रोहित की प्रतिभा और कौशल का तो हर कोई कायल था और है. उनके साथ बस दिक्कत यह रही कि वह एकाग्र न होकर बीच में अक्सर राह भटक गए. सचिन तेंडुलकर के टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कहने के शेर के बीच रोहित कोलकाता में अपने टेस्ट करियर का आगाज सेंचुरी से करने से पहले तक केवल वन डे में ही कामयाब हो पाए थे.
रोहित यहीं नहीं थमे और अपने घर मुंबई के वानखेड़े मैदान पर अपने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में शानदार सेंचुरी जड़ इस सिलसिले को आगे बढ़ाया. इस सीरीज के लिए रोहित शर्मा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया.
खास टेलैंट -
रोहित एक लिहाज से लकी हैं कि भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को विराट कोहली की तरह हमेशा उनकी प्रतिभा और कौशल पर यकीन रहा है. माही ने भारत के क्रिकेट पंडितों की तरह हमेशा रोहित को विराट की तरह खास टैलेंट माना.
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