इंदौर की मेडिकल छात्रा ने किया कमाल, कोरोना के प्रसार को मिटा सकता है 'पूल टेस्ट' फॉर्मूला
इंदौर की मेडिकल छात्रा ने किया कमाल, कोरोना के प्रसार को मिटा सकता है 'पूल टेस्ट' फॉर्मूला
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भोपाल : मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस वायरस से बचने के लिए कोरोना वारियर्स हर संभव कोशिश कर रहे है. वहीं, कोरोना पॉजिटिव मरीज की जांच को आसान बनाने के लिए इंदौर की मेडिकल छात्रा ने 'पूल टेस्ट' की एक तकनीक (मॉडल) विकसित करने का दावा किया है. इससे संबंधित शोध पत्र में कहा गया है कि इस तकनीक में हर सैंपल के दो हिस्से कर लिए जाएं. एक हिस्सा सुरक्षित रख लिया जाए और दूसरे को उस इलाके के सभी सैंपलों के साथ मिला दिया जाए. अब मिक्स वाले सैंपल की जांच की जाए. यदि यह जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो अलग रखे सैंपल की एक-एक कर जांच कर आसानी से रोगी तक पहुंचा जा सकता है. यदि मिक्स सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो जांच का दायरा सीमित हो जाएगा. मेडिकल की छात्रा अदिति सिंघल का कहना है कि इससे बड़े स्तर पर कोरोना की जांच संभव होगी. इसे मंजूरी के लिए भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) को भी भेजा गया है.

बता दें की शोध पत्र के अनुसार इस तकनीक को पीसीआर मशीन में ही लागू किया जा सकता है. इसमें 'आरोग्य सेतु' जैसे ऐप द्वारा एकत्रित की जा रही जन समूह पर प्रश्नावली या टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की सहायता से अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय ट्रैवल हिस्ट्री की सूची या पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों के सैंपल एकत्रित किए जा सकते हैं. इंदौर की मेडिकल छात्रा अदिति सिंघल इस बारें में कहती हैं कि इससे हमें कम संख्या में किट लगेंगी और ज्यादा लोगों की टेस्टिंग आसान होगी. यह प्रक्रिया उन क्षेत्रों के लिए कारगर साबित होगी, जहां संक्रमण कम है या बहुत अधिक संक्रमित क्षेत्र हैं.

जानकारी के लिए बता दें की इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की छात्रा अदिति सिंघल और आईआईटी खड़गपुर के राघव सिंह ने मिलकर पूल टेस्ट का रिसर्च पेपर तैयार किया है. अदिति के अनुसार प्रभावित इलाकों के बड़ी संख्या में एकत्र सैंपलों को पूल टेस्टिंग द्वारा कम वक्त तथा कम टेस्टिंग किटों का उपयोग करते हुए संक्रमित तथा गैर संक्रमित व्यक्तियों की सूची प्राप्त कर ली जाती है तो यह हमें जल्द से जल्द संक्रमित व्यक्तियों का उपचार करने, लॉकडाउन को खोलने के लिए जोन को परिसीमित करने तथा संक्रमित जोन के परिसीमन के लिए उपयोगी साबित होगा. भोपाल के वरिष्ठ डॉ. रमेश माधव कहते हैं कि पूल टेस्ट संभव तो है लेकिन इसके परिणाम टेस्टिंग किट की सेंसेटिविटी पर निर्भर करेंगे.

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