नई दिल्ली: आज के इस वर्तमान दौर में प्रदूषण तो प्रदूषण और कोरोना कि मार से आज हर कोई परेशान हो चुका है. वहीं इस वायरस का कहर इत्तना बढ़ चुका है कि हर दिन इसकी चपेट में सैंकड़ों लोग आ रहे है. वहीं इस वायरस ने अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है. जंहा अभी भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस बीमारी में निजात मिल जाएगा. यहीं नहीं न केवल इस वायरस ने लोगों के मानवीय जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि इस वायरस के खौफ से आज पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बन चुका है.
मिली जानकारी के अनुसार फ्रांस और स्पेन से आज ही आए लोगों ने दिल्ली सरकार के कोरेन्टाइन सुविधा की पोल खोल दी. रात डेढ़ बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद चार घंटे तक इन लोगों को डीटीसी की बसों में बैठाकर रखा गया. इसके बाद इन्हें द्वारका स्थित दिल्ली पुलिस के ट्रेनिंग स्कूल में लाया गया. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि 12 घंटे बाद इन्हें खाने के लिए केवल एक चाय और पकौड़ा दिया गया. सरकार की इन सुविधाओं को देख लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. द्वारका एसडीएम को पत्र लिख इन्होंने तत्काल कोरेन्टाइन सुविधा को बदलने की मांग की. वहीं फरीदाबाद निवासी एक व्यक्ति बताते हैं कि वे कुछ दिन पहले ही पेरिस गए थे. उनके साथ उनकी पत्नी भी हैं. रात को दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद से सोमवार दोपहर एक बजे तक किसी भी व्यक्ति का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ है. उन्हें खाने पीने के लिए भी मिन्नतें करनी पड़ रही हैं.
कोरोना के संदिग्ध मरीजों का हंगामा। इन संदिग्ध मरीजों को जिस द्वारका पुलिस ट्रेनिंग कैम्प में रखा गया है वहां गंदगी का वीडियो बनाकर भेजा है। प्रशाशन को चिट्ठी लिखी है कि इन संदिग्धों ने कि जहां रखा गया है उससे तो बीमारी फैलेगी। शिकायत है कि अभी तक जांच भी नहीं कि है किसी ने। pic.twitter.com/8mmY8Oc4kO
aashish tiwari March 16, 2020
जानकारी के लिए हम बता दें कि उन्होंने बताया कि जिस जगह पर उन लोगों को रखा है, वहां के बाथरूम स्वच्छता के नाम पर मजाक हैं. दीवारों में दरारें हैं, कॉकरोच बेड पर घूम रहे हैं. दीवारों पर अखबार चिपके हैं, ऐसा लग रहा है मानों उन्हें किसी बदबूदार जेल में कैद कर दिया हो. उन्होंने आगे बताया कि उनके साथ 40 लोग इस वक्त मौजूद हैं. इतने लोगों में सिर्फ 3 वॉशरुम बनाए गए हैं. इसके अलावा सभी के लिए केवल पांच बड़े बेडरूम का बंदोबस्त किया है. ऐसी स्थिति में वे चाहते हैं कि हम यहां रुकें. सोशल मीडिया पर भी इन लोगों ने वीडियो बनाकर पोस्ट किए हैं.
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